हर साल 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (International Yoga Day) के रूप में मनाया जाता है। यह दिन न केवल योग के महत्व को दर्शाता है, बल्कि दुनिया भर में लोगों को शारीरिक, मानसिक और आत्मिक रूप से स्वस्थ जीवन की ओर प्रेरित करता है। योग भारत की प्राचीन परंपरा का एक अमूल्य उपहार है, जो अब वैश्विक स्तर पर अपनाया जा रहा है। 2014 में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में इसका प्रस्ताव रखा था, जिसे 193 सदस्य देशों ने स्वीकार कर लिया और तब से यह दिन अंतरराष्ट्रीय रूप से मनाया जा रहा है।
योग न केवल एक व्यायाम पद्धति है, बल्कि यह जीवन को संतुलन और अनुशासन से जीने की कला है। यह शरीर, मन और आत्मा को जोड़ता है और एक सकारात्मक जीवनशैली की नींव रखता है।
योग का इतिहास और महत्व
योग की उत्पत्ति भारत में हजारों साल पहले हुई थी। यह सिर्फ शारीरिक अभ्यास नहीं है, बल्कि यह एक आध्यात्मिक अनुशासन है जो शरीर, मन और आत्मा के बीच संतुलन स्थापित करता है। वेदों और उपनिषदों में योग का उल्लेख मिलता है, जबकि पतंजलि के योग सूत्रों ने इसे व्यवस्थित रूप दिया।
योग का उद्देश्य आत्म-साक्षात्कार, मानसिक शांति, और जीवन में स्थिरता प्राप्त करना है। आधुनिक जीवनशैली में बढ़ते तनाव, चिंता और बीमारियों के बीच योग एक सरल, सस्ता और प्रभावी समाधान बन चुका है।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत
21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने का मुख्य कारण यह है कि यह दिन वर्ष का सबसे लंबा दिन (गर्मियों की संक्रांति) होता है और इसे आध्यात्मिक दृष्टिकोण से विशेष महत्व प्राप्त है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 सितंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण में योग के वैश्विक लाभों को साझा किया और योग दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा। इस प्रस्ताव को 193 देशों में से 177 देशों ने सह-प्रायोजित किया, जो अब तक का सबसे बड़ा समर्थन था। इसके बाद 21 जून 2015 को पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया।
योग के शारीरिक और मानसिक लाभ
योग केवल शरीर को लचीला और मजबूत बनाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने और तनाव को कम करने में भी अत्यंत सहायक है। योग के प्रमुख लाभ इस प्रकार हैं:
- तनाव और चिंता में कमी: प्राणायाम और ध्यान (मेडिटेशन) मन को शांत रखते हैं।
- शारीरिक लचीलापन और मजबूती: आसनों से मांसपेशियों की मजबूती और जोड़ों में लचीलापन आता है।
- हृदय और फेफड़ों की कार्यक्षमता में सुधार: नियमित योग करने से रक्तचाप नियंत्रित रहता है और श्वसन प्रणाली बेहतर होती है।
- पाचन तंत्र में सुधार: कई योगासन पाचन क्रिया को बेहतर बनाते हैं।
- नींद की गुणवत्ता में वृद्धि: योग निद्रा और ध्यान से अनिद्रा की समस्या दूर होती है।
योग दिवस कैसे मनाया जाता है?
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर विभिन्न शहरों, स्कूलों, कॉलेजों, सरकारी कार्यालयों और संगठनों में सामूहिक योग सत्र आयोजित किए जाते हैं। लाखों लोग इस दिन खुले मैदानों, पार्कों और सार्वजनिक स्थलों पर एक साथ योग करते हैं।
इस दिन विशेष रूप से निम्न कार्यक्रम किए जाते हैं:
- सामूहिक योग प्रदर्शन: तय किए गए योग प्रोटोकॉल के अनुसार आसनों का अभ्यास
- योग कार्यशालाएं और सेमिनार: योग गुरुओं द्वारा सत्र और भाषण
- स्वास्थ्य जांच और योग चिकित्सा पर परामर्श
- ऑनलाइन योग सत्र: जो लोग शामिल नहीं हो पाते, उनके लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाइव क्लासेस
योग को अपनाएं, जीवन को स्वस्थ बनाएं
आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में योग को अपनाना अत्यंत आवश्यक हो गया है। न केवल यह शरीर को रोगमुक्त रखता है, बल्कि मानसिक रूप से भी मजबूती प्रदान करता है। जो लोग नियमित योग करते हैं, वे अधिक ऊर्जावान, शांत और केंद्रित रहते हैं।
योग कोई धर्म नहीं है, यह एक आध्यात्मिक विज्ञान है जो सभी जाति, धर्म और देश की सीमाओं से परे है। इसे किसी भी उम्र के व्यक्ति द्वारा आसानी से अपनाया जा सकता है। इसके लिए किसी विशेष उपकरण या महंगे जिम की आवश्यकता नहीं होती।
निष्कर्ष:
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस न केवल योग की महत्ता को दर्शाता है, बल्कि यह जीवन को संतुलित और स्वस्थ बनाने की दिशा में एक वैश्विक पहल है। योग एक ऐसा उपहार है जो हमें अपने भीतर झांकने और आत्मिक शांति पाने का अवसर देता है।
आज की पीढ़ी को योग को केवल एक दिवस तक सीमित न रखकर, इसे अपनी दैनिक दिनचर्या का हिस्सा बनाना चाहिए। इससे न केवल व्यक्तिगत जीवन में सुधार होगा, बल्कि समाज भी अधिक संतुलित और स्वस्थ बनेगा।
“योग करें, निरोग रहें – यही है जीवन की सच्ची पूंजी।”
