मानसून का मौसम जहां ठंडक और राहत लेकर आता है, वहीं यह त्वचा की कई समस्याओं को भी जन्म देता है। इन समस्याओं में सबसे आम परेशानी है – त्वचा का ऑयली और चिपचिपा हो जाना। बरसात के मौसम में वातावरण में नमी अधिक होती है, जिससे स्किन पर अतिरिक्त तेल और पसीना जमा हो जाता है। इससे स्किन चिपचिपी महसूस होती है और कई बार मुंहासे, ब्लैकहेड्स जैसी समस्याएं भी शुरू हो जाती हैं। इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि आखिर क्यों मानसून में त्वचा ऑयली हो जाती है और इससे निपटने के आसान और प्रभावी उपाय क्या हैं।
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मानसून में त्वचा ऑयली क्यों हो जाती है?
मानसून में हवा में नमी का स्तर काफी बढ़ जाता है। यह नमी हमारी स्किन को सीधे प्रभावित करती है। त्वचा की ऊपरी परत में मौजूद सीबेसियस ग्लैंड्स (तेल ग्रंथियां) वातावरण में बदलाव के अनुसार प्रतिक्रिया करती हैं और अधिक सीबम (तेल) निकालने लगती हैं। इस अतिरिक्त तेल के कारण त्वचा ऑयली और चिपचिपी हो जाती है।
इसके अलावा, बारिश के मौसम में धूप कम निकलती है, जिससे स्किन के पोर्स (रोमछिद्र) खुले रहते हैं और उनमें गंदगी और बैक्टीरिया जमा हो जाते हैं। यही गंदगी ऑयली स्किन की समस्या को और भी बढ़ा देती है।
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त्वचा के ऑयली होने के नुकसान
बरसात में त्वचा का अत्यधिक तेलीय होना न केवल असहज महसूस कराता है, बल्कि इसके कई अन्य दुष्प्रभाव भी होते हैं:
- मुंहासे और पिंपल्स: खुले पोर्स में ऑयल और गंदगी जमा होने से पिंपल्स और एक्ने की समस्या बढ़ जाती है।
- ब्लैकहेड्स और व्हाइटहेड्स: नाक, ठोड़ी और माथे पर अधिक तेल जमने से ब्लैकहेड्स बन जाते हैं।
- त्वचा का असंतुलित पीएच: अत्यधिक ऑयल त्वचा के प्राकृतिक संतुलन को बिगाड़ देता है।
- चिपचिपाहट की वजह से जलन: चेहरे पर जमा पसीना और तेल मिलकर जलन या खुजली का कारण बन सकते हैं।
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बरसात में स्किन केयर कैसे करें?
बरसात में स्किन की अतिरिक्त देखभाल बेहद जरूरी हो जाती है। यहां कुछ जरूरी स्किन केयर टिप्स दिए गए हैं जो इस मौसम में आपकी त्वचा को ऑयली और चिपचिपा होने से बचा सकते हैं:
– क्लीनिंग (साफ-सफाई):
दिन में दो बार माइल्ड फेसवॉश से चेहरा धोएं। ऑयल कंट्रोल फेसवॉश का प्रयोग करें ताकि अतिरिक्त सीबम साफ हो सके।
– एक्सफोलिएशन:
हफ्ते में 2 बार स्क्रब जरूर करें ताकि डेड स्किन सेल्स और ब्लैकहेड्स हट सकें। ज्यादा रगड़ने से बचें, वरना स्किन में रैशेस हो सकते हैं।
– टोनर का उपयोग:
ऐसे टोनर का उपयोग करें जिसमें नीम, गुलाब जल या टी ट्री ऑयल हो। ये रोमछिद्रों को बंद करने में मदद करते हैं और स्किन को फ्रेश रखते हैं।
– मॉइस्चराइजिंग ना भूलें:
ऑयली स्किन होने पर लोग मॉइस्चराइज़र का उपयोग करना बंद कर देते हैं, जो गलत है। हमेशा वॉटर बेस्ड, ऑयल-फ्री मॉइस्चराइज़र लगाएं।
– सनस्क्रीन लगाना न भूलें:
मानसून में भी सूरज की UV किरणें त्वचा को नुकसान पहुंचा सकती हैं, इसलिए जेल बेस्ड सनस्क्रीन जरूर लगाएं।
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घरेलू उपाय से करें ऑयली स्किन का इलाज
कुछ आसान घरेलू उपाय अपनाकर भी आप बरसात में ऑयली स्किन से राहत पा सकते हैं:
– मुल्तानी मिट्टी और गुलाब जल का पैक:
मुल्तानी मिट्टी स्किन से अतिरिक्त तेल हटाती है और रोमछिद्रों को टाइट करती है।
– चंदन और नीम का पेस्ट:
ये दोनों ही एंटीबैक्टीरियल होते हैं और पिंपल्स से बचाव करते हैं।
– एलोवेरा जेल:
एलोवेरा स्किन को हाइड्रेट करता है बिना उसे ऑयली बनाए।
– खीरे का रस:
खीरा त्वचा को ठंडक देने के साथ-साथ ऑयल कंट्रोल में भी मदद करता है।
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खानपान और जीवनशैली में बदलाव करें
त्वचा की सेहत सिर्फ बाहर से नहीं, अंदर से भी सुधरती है। बरसात में अधिक तला-भुना और मसालेदार खाना न खाएं। फलों और सब्जियों का सेवन बढ़ाएं, और खूब पानी पीएं ताकि शरीर से विषैले तत्व बाहर निकलें।
- दिन की शुरुआत नींबू पानी या ग्रीन टी से करें।
- योग और प्राणायाम से शरीर का ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है, जिससे त्वचा भी स्वस्थ रहती है।
निष्कर्ष:
बरसात के मौसम में त्वचा का ऑयली और चिपचिपा होना आम बात है, लेकिन यदि सही देखभाल और उपाय अपनाए जाएं तो इस समस्या से आसानी से बचा जा सकता है। नियमित सफाई, सही प्रोडक्ट्स का उपयोग और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाकर आप मानसून में भी ताजगी और ग्लो से भरी त्वचा पा सकते हैं। याद रखें, सुंदर त्वचा का रहस्य संतुलित देखभाल और धैर्य में छिपा होता है।