मानव शरीर में कई महत्वपूर्ण अंग होते हैं जिनकी जानकारी अक्सर आम लोगों को नहीं होती, लेकिन उम्र बढ़ने के साथ ये अंग अनेक समस्याओं का कारण बन सकते हैं। प्रोस्टेट ऐसा ही एक अंग है, जो पुरुषों के मूत्र और प्रजनन तंत्र से जुड़ा होता है। उम्र के साथ-साथ अधिकतर पुरुषों को प्रोस्टेट संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है, लेकिन समय रहते जानकारी और सावधानी से इससे बचाव और इलाज संभव है। यह लेख आपको बताएगा कि प्रोस्टेट क्या होता है, इसके कार्य, लक्षण, समस्याएं, बचाव और उपचार क्या हैं।
प्रोस्टेट क्या है और इसका कार्य
प्रोस्टेट (Prostate) एक छोटा ग्रंथि (ग्लैंड) है जो केवल पुरुषों में पाई जाती है। यह मूत्राशय (bladder) के ठीक नीचे स्थित होती है और मूत्रमार्ग (urethra) को चारों ओर से घेरे रहती है। इसका आकार अखरोट के जैसा होता है।
प्रोस्टेट का मुख्य कार्य है वीर्य (semen) में एक विशेष तरल का निर्माण करना जो शुक्राणुओं को पोषण और सुरक्षा देता है। यह तरल वीर्य का लगभग 30% हिस्सा बनाता है और पुरुष की प्रजनन क्षमता में अहम भूमिका निभाता है।
प्रोस्टेट से जुड़ी सामान्य समस्याएं
उम्र के साथ प्रोस्टेट ग्रंथि में कई बदलाव हो सकते हैं। 50 वर्ष के बाद अधिकतर पुरुषों को प्रोस्टेट से जुड़ी समस्याएं होने लगती हैं। कुछ प्रमुख स्थितियाँ इस प्रकार हैं:
(1) BPH (Benign Prostatic Hyperplasia):
यह प्रोस्टेट का सामान्य लेकिन गैर-कैंसरयुक्त बढ़ना है। इससे मूत्रमार्ग पर दबाव पड़ता है और पेशाब करने में समस्या होती है।
(2) प्रोस्टेटाइटिस (Prostatitis):
यह प्रोस्टेट में सूजन या संक्रमण की स्थिति है। यह किसी भी उम्र में हो सकता है और यह बैक्टीरियल संक्रमण के कारण भी हो सकता है।
(3) प्रोस्टेट कैंसर:
यह प्रोस्टेट ग्रंथि का कैंसर है और बुजुर्ग पुरुषों में यह काफी आम है। समय रहते जांच न होने पर यह खतरनाक हो सकता है।
प्रोस्टेट से जुड़ी बीमारियों के लक्षण
प्रोस्टेट की किसी भी बीमारी के दौरान कुछ सामान्य लक्षण देखने को मिलते हैं, जिन पर तुरंत ध्यान देना आवश्यक होता है:
- बार-बार पेशाब आने की आवश्यकता
- रात में बार-बार पेशाब के लिए उठना
- पेशाब करते समय जलन या दर्द
- पेशाब की धारा में रुकावट या धीमा बहाव
- मूत्राशय पूरी तरह खाली न हो पाना
- पीठ या पेल्विक एरिया में दर्द
- वीर्य में खून आना
- यौन दुर्बलता या स्तंभन दोष (erectile dysfunction)
यदि इन लक्षणों में से कोई लंबे समय तक बने रहे, तो डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी है।
प्रोस्टेट की समस्याओं के कारण
प्रोस्टेट से जुड़ी बीमारियाँ अनेक कारणों से हो सकती हैं। कुछ सामान्य कारण निम्नलिखित हैं:
- बढ़ती उम्र (50 वर्ष से अधिक पुरुषों में अधिक आम)
- हार्मोनल असंतुलन (टेस्टोस्टेरोन में बदलाव)
- असंतुलित जीवनशैली – धूम्रपान, शराब सेवन, गलत आहार
- अत्यधिक बैठकर काम करना (sedentary lifestyle)
- बार-बार मूत्र संक्रमण होना
- अनुवांशिक कारण (जिनके परिवार में किसी को प्रोस्टेट कैंसर रहा हो)
प्रोस्टेट स्वास्थ्य का बचाव और देखभाल कैसे करें
प्रोस्टेट की समस्याओं से बचने के लिए जीवनशैली में कुछ सरल बदलाव बहुत लाभकारी हो सकते हैं:
- नियमित व्यायाम करें: चलना, योग और प्राणायाम प्रोस्टेट स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं।
- फाइबर युक्त आहार लें: हरी सब्जियाँ, फल, साबुत अनाज, सलाद को अपने आहार में शामिल करें।
- धूम्रपान और शराब से दूरी बनाएं।
- पानी पर्याप्त मात्रा में पिएं, लेकिन सोने से कुछ घंटे पहले तरल कम लें ताकि रात में बार-बार पेशाब न आए।
- लंबे समय तक पेशाब रोककर न रखें।
- नियमित स्वास्थ्य जांच कराएं, विशेषकर 45-50 की उम्र के बाद। PSA (Prostate-Specific Antigen) टेस्ट एक महत्वपूर्ण जांच है जो प्रोस्टेट कैंसर का संकेत दे सकती है।
प्रोस्टेट संबंधी बीमारियों का इलाज
प्रोस्टेट की बीमारी की स्थिति और गंभीरता के अनुसार इलाज भी अलग-अलग होता है:
- BPH के लिए: दवाओं से इलाज संभव है। कुछ मामलों में सर्जरी (जैसे TURP – Transurethral Resection of Prostate) की आवश्यकता हो सकती है।
- प्रोस्टेटाइटिस के लिए: एंटीबायोटिक दवाओं से संक्रमण को ठीक किया जाता है।
- प्रोस्टेट कैंसर के लिए: इलाज की विधि कैंसर की अवस्था पर निर्भर करती है, जिसमें सर्जरी, रेडियोथेरेपी, कीमोथेरेपी या हार्मोन थेरेपी शामिल हो सकते हैं। समय रहते पता चलने पर इसका सफल इलाज संभव है।
निष्कर्ष:
प्रोस्टेट एक छोटा लेकिन अत्यंत महत्वपूर्ण अंग है, जिसकी देखभाल हर पुरुष को करनी चाहिए। संतुलित जीवनशैली, सही खान-पान, नियमित जांच और लक्षणों पर समय रहते ध्यान देना प्रोस्टेट संबंधी समस्याओं से बचाव के प्रमुख उपाय हैं। 50 वर्ष से अधिक उम्र के पुरुषों को विशेष रूप से सतर्क रहना चाहिए और डॉक्टर से नियमित सलाह लेते रहना चाहिए। याद रखें, समय पर की गई सावधानी जीवन को दीर्घ और स्वस्थ बना सकती है।