इंसान की रोजमर्रा की जिंदगी इतनी व्यस्त हो गयी है कि वह अपनी हेल्थ पर ध्यान ही नहीं दे पाता है। आज कल इंसान फ़ास्ट फ़ूड को इतना पसंद करने लगा है कि उससे होने वाले नुकसान पर ध्यान ही नहीं दे पता है। इस कारण इंसान का वजन बढ़ना शुरू हो जाता है। वजन बढ़ने से इंसान के अंदर बहुत सी बीमारियां हो जाती हैं।
आज हम बात करेंगे इंटरमिटेंट फास्टिंग के बारे में। सबसे पहले तो हम समझते हैं कि इंटरमिटेंट फास्टिंग क्या है। इंटरमिटेंट फास्टिंग वजन कम करने का एक बहुत ही अच्छा उपाय है। इसमें इंसान को अपने खाने के समय को कम कर अपने शरीर में एनर्जी के लिए अपने शरीर में जमा फैट का उपयोग करना होता है। इंटरमिटेंट फास्टिंग में आप कुछ समय तक फास्टिंग करते हैं फिर भोजन करते है। इस तरह आप इस प्रक्रिया को दोहराते हैं। जिससे भूख का हार्मोन घटता है और मेटाबोलिज्म बढ़ता है। इस प्रक्रिया को बार बार दोहराने से वजन कम करने में मदद मिलती है।
इंटरमिटेंट फास्टिंग के फायदे
इंटरमिटेंट फास्टिंग के बहुत से फायदे हैं। इसके अलावा इसे करना भी आसान है। इंटरमिटेंट फास्टिंग में बस आपको अपने खाने के समय को कम करना है। यह तरीका है जिसे आप अपनी जीवन शैली में बहुत ही आसानी से शामिल कर सकते हैं। इंटरमिटेंट फास्टिंग के फायदे इस प्रकार है
- वजन का कम होना
- कोलेस्ट्रॉल कम होता है
- रक्त शर्करा में सुधार होता है
- बेहतर मस्तिष्क स्वास्थ्य
- आयु सम्बन्धी बिमारियों का कम होना
- लम्बा जीवन
इंटरमिटेंट फास्टिंग करने में सावधानियां
इंटरमिटेंट फास्टिंग करने के बहुत फायदे हैं लेकिन यह सभी के लिए भी सही नहीं है। इंटरमिटेंट फास्टिंग के ऊपर किये गए शोधों में पाया गया है कि इसे एक हफ्ते में 5:2 से शुरुआत करना चाहिए। शोधकर्ता अभी यह पता लगाने में लगे हुए हैं कि दिन में खाने को 8 से 12 घंटे तक सिमित रखना कितना उपयोगी है। इंटरमिटेंट फास्टिंग को करने में यह सावधानियाँ बरतें-
- 65 से अधिक उम्र है तो इसे न करें
- बच्चे और युवा जो पढ़ रहे हैं या जिनका पूर्ण विकास नहीं हुआ है
- मधुमेह रोगी
- हृदय, गुर्दे और यकृत से सम्बंधित बिमारियों के रोगी
- गर्भवती या स्तनपान करा रही महिलाएं
- निम्न रक्तचाप के रोगी
- रक्त को पतला करने वाली, मूत्रवर्धक, रक्तचाप की दवाएँ, या ऐसी दवाएँ लें जो आपके रक्त शर्करा को प्रभावित करती हों
नोट – इंटरमिटेंट फास्टिंग को शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें।