महिलाओं के स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं अक्सर नजरअंदाज कर दी जाती हैं, खासकर तब जब वे शुरुआती स्तर पर होती हैं और ज्यादा तकलीफ नहीं देतीं। बच्चेदानी (गर्भाशय) में गांठ (Fibroids या Cysts) होना एक ऐसी ही स्थिति है, जो कई बार गंभीर रूप ले सकती है अगर समय रहते इसका इलाज न हो। बच्चेदानी में गांठ हार्मोनल असंतुलन, अनुवांशिक कारणों या अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के चलते हो सकती है।
इस लेख में हम जानेंगे कि बच्चेदानी में गांठ होने पर शरीर कौन-कौन से संकेत देता है, किन लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और इसका इलाज कैसे संभव है।
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असामान्य मासिक धर्म – सबसे पहला संकेत
बच्चेदानी में गांठ होने पर महिलाओं को सबसे पहला संकेत मासिक धर्म (पीरियड्स) में बदलाव के रूप में मिलता है। इनमें निम्नलिखित समस्याएं देखी जा सकती हैं:
- अत्यधिक रक्तस्राव (हैवी ब्लीडिंग)
- पीरियड्स का लंबे समय तक चलना (7 दिन या उससे अधिक)
- पीरियड्स के दौरान तेज दर्द या ऐंठन
- अनियमित माहवारी – कभी जल्दी, कभी देर से आना
इन लक्षणों को सामान्य मानकर नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है। अगर यह समस्या लगातार बनी रहती है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
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पेट के निचले हिस्से में लगातार दर्द या भारीपन
गर्भाशय में गांठ होने पर महिलाओं को पेट के निचले हिस्से में खिंचाव या भारीपन महसूस हो सकता है। यह दर्द कभी-कभी लगातार बना रहता है या पीरियड्स के समय अधिक बढ़ जाता है।
- यह दर्द पीठ या कमर में भी फैल सकता है
- चलने-फिरने या झुकने पर दर्द बढ़ सकता है
- कुछ महिलाओं को गैस या सूजन जैसी समस्या भी महसूस हो सकती है
यह लक्षण विशेष रूप से तब गंभीर हो जाते हैं जब गांठ का आकार बढ़ने लगता है और वह आसपास के अंगों पर दबाव डालती है।
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पेशाब या मल त्याग में परेशानी
बच्चेदानी में बढ़ती हुई गांठ मूत्राशय या आंतों पर दबाव डाल सकती है, जिससे इन सामान्य कार्यों में परेशानी हो सकती है। उदाहरणस्वरूप:
- बार-बार पेशाब आना या पेशाब रुक-रुक कर आना
- पूरी तरह पेशाब का न हो पाना
- कब्ज की शिकायत या मल त्याग में कठिनाई
यदि यह लक्षण लंबे समय तक बने रहते हैं, तो यह संकेत हो सकता है कि बच्चेदानी में कोई संरचनात्मक समस्या (जैसे गांठ) उत्पन्न हो चुकी है।
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गर्भधारण में कठिनाई या बार-बार गर्भपात
बहुत सी महिलाएं जब बार-बार गर्भधारण में विफल हो जाती हैं या गर्भपात होता है, तब जांच के दौरान पता चलता है कि बच्चेदानी में गांठ है।
- गर्भाशय की दीवार पर बनी गांठ भ्रूण के ठहरने में बाधा बन सकती है
- गर्भावस्था के दौरान शिशु के विकास में बाधा उत्पन्न हो सकती है
- इससे महिला को संतान प्राप्ति में मुश्किल हो सकती है
इसलिए यदि बार-बार गर्भपात हो रहा हो या गर्भधारण में दिक्कत आ रही हो, तो सोनोग्राफी या अन्य जांच जरूर करानी चाहिए।
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थकान, कमजोरी और एनीमिया
लगातार अत्यधिक रक्तस्राव के कारण शरीर में खून की कमी (एनीमिया) हो सकती है। इसके चलते निम्न समस्याएं हो सकती हैं:
- हर समय थकान महसूस होना
- सिर दर्द या चक्कर आना
- त्वचा पीली पड़ना
- सांस फूलना या कमजोरी महसूस होना
जब शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर कम हो जाता है, तो इससे शरीर की सामान्य कार्यक्षमता भी प्रभावित होती है। यह एक गंभीर संकेत हो सकता है कि शरीर अंदरूनी तौर पर किसी समस्या से जूझ रहा है।
निष्कर्ष:
बच्चेदानी में गांठ होना कोई असामान्य स्थिति नहीं है, लेकिन इसे अनदेखा करना बहुत खतरनाक हो सकता है। शरीर समय-समय पर संकेत देता है जिन्हें समझना और समय रहते जांच करवाना बेहद जरूरी है। यदि उपरोक्त लक्षणों में से कोई भी लंबे समय तक बना रहे, तो तुरंत किसी स्त्री रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें। आधुनिक चिकित्सा में अब इस समस्या का इलाज दवाओं से लेकर सर्जरी तक संभव है।
महिलाओं को चाहिए कि वे अपनी सेहत को प्राथमिकता दें और नियमित रूप से चेकअप कराएं, ताकि गंभीर समस्याओं को समय रहते रोका जा सके।