Breaking News

पसीना आना शरीर की एक स्वाभाविक और ज़रूरी प्रक्रिया है, जिससे शरीर का तापमान नियंत्रित रहता है और विषैले तत्व बाहर निकलते हैं। आमतौर पर पसीने में हल्की गंध हो सकती है, जो शारीरिक श्रम, गर्मी या खानपान के कारण होती है। लेकिन जब पसीने से तेज़, अजीब या अप्राकृतिक गंध आने लगे, तो इसे अनदेखा करना खतरनाक हो सकता है।

कई बार यह गंध शरीर के भीतर छिपी गंभीर बीमारियों की चेतावनी होती है। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि पसीने की गंध किन बीमारियों की ओर इशारा कर सकती है, और समय रहते इसे पहचानना क्यों जरूरी है।

डायबिटीज और किटोसिस का संकेत

अगर आपके पसीने से मीठी या फलों जैसी गंध आने लगे, तो यह संकेत हो सकता है कि आपका ब्लड शुगर असंतुलित है।

  • यह स्थिति विशेष रूप से टाइप 1 डायबिटीज के मरीजों में देखी जाती है।
  • शरीर जब इंसुलिन की कमी के कारण ग्लूकोज का उपयोग नहीं कर पाता, तो वह फैट को तोड़कर ऊर्जा बनाता है। इससे किटोन नामक रसायन बनते हैं, जो पसीने और सांस के माध्यम से बाहर निकलते हैं।
  • इस प्रक्रिया को किटोसिस कहा जाता है, और इसकी गंध काफी अलग और तेज होती है।

यदि मीठे या फलों जैसी गंध के साथ थकान, बार-बार पेशाब आना या प्यास लगने जैसे लक्षण भी दिखें, तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें।

लिवर और किडनी की बीमारियां

जब शरीर में लिवर या किडनी की कार्यक्षमता घटने लगती है, तो विषैले पदार्थ बाहर नहीं निकल पाते और शरीर के अंदर ही जमा होने लगते हैं।

  • इससे पसीने में बासी या अमोनिया जैसी गंध आने लगती है।
  • यह खासकर क्रॉनिक किडनी डिजीज (CKD) या लिवर सिरोसिस के मरीजों में देखा जाता है।

यदि पसीने के साथ शरीर में सूजन, पेशाब में कमी, भूख न लगना या त्वचा पर खुजली हो रही हो, तो यह गंभीर स्थिति का संकेत हो सकता है।

थायराइड की गड़बड़ी (हाइपरथायरॉइडिज्म)

थायराइड ग्रंथि शरीर की मेटाबॉलिज्म प्रक्रिया को नियंत्रित करती है।

  • जब यह ग्रंथि अधिक सक्रिय हो जाती है (हाइपरथायरॉइडिज्म), तो शरीर में ऊर्जा की खपत बढ़ जाती है।
  • इसका नतीजा होता है अत्यधिक पसीना आना और कभी-कभी पसीने में तीव्र गंध का आना।

साथ में यदि दिल की धड़कन तेज़ हो रही हो, वजन कम हो रहा हो, और बेचैनी महसूस हो रही हो — तो यह थायराइड की समस्या हो सकती है।

बैक्टीरियल इंफेक्शन या त्वचा की समस्याएं

हमारे शरीर में मौजूद बैक्टीरिया पसीने के साथ मिलकर दुर्गंध पैदा करते हैं।

  • अगर कोई व्यक्ति नियमित रूप से नहाता है और सफाई का ध्यान रखता है, फिर भी तेज बदबूदार पसीना आता है, तो यह किसी बैक्टीरियल या फंगल संक्रमण का संकेत हो सकता है।
  • कभी-कभी ब्रोमिहाइड्रोसिस नामक स्थिति भी होती है, जिसमें पसीना सामान्य से ज़्यादा बदबूदार हो जाता है।

त्वचा में खुजली, लालपन या घाव जैसे लक्षण भी दिख सकते हैं। इस स्थिति में त्वचा रोग विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए।

तनाव, चिंता और हार्मोनल असंतुलन

आपका मानसिक स्वास्थ्य भी पसीने की गंध को प्रभावित कर सकता है।

  • जब आप अत्यधिक तनाव या चिंता में होते हैं, तो शरीर से निकलने वाला पसीना सामान्य नहीं होता।
  • यह “एपोक्राइन” ग्रंथियों से आता है, जो विशेष रूप से बगल, जांघ और छाती के क्षेत्र में होती हैं।
  • ऐसे पसीने में मौजूद प्रोटीन बैक्टीरिया के संपर्क में आने पर तेज गंध उत्पन्न करता है।

हार्मोनल बदलाव (जैसे रजोनिवृत्ति, पीरियड्स, प्रेग्नेंसी) के दौरान भी पसीने की गंध में बदलाव महसूस किया जा सकता है।

पसीने की गंध को लेकर कब सतर्क हों?

पसीने से हल्की गंध आना सामान्य बात है, लेकिन निम्न स्थितियों में डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी है:

  • पसीने से फलों, अमोनिया या धातु जैसी गंध आना
  • शरीर से हमेशा दुर्गंध आना, चाहे कितनी भी सफाई रखी जाए
  • अत्यधिक पसीना बिना किसी मेहनत के
  • पसीने के साथ थकान, वजन घटना, त्वचा में बदलाव या बार-बार पेशाब आना

निष्कर्ष

पसीना केवल शरीर की ठंडक बनाए रखने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह शरीर में चल रही आंतरिक प्रक्रियाओं का संकेत भी दे सकता है। अगर पसीने की गंध सामान्य से अलग लग रही हो, तो इसे नज़रअंदाज़ करना खतरनाक हो सकता है। यह कई बार शरीर में छिपी गंभीर बीमारियों की ओर इशारा करता है, जिन्हें समय रहते पहचानना जरूरी है।

स्वस्थ जीवन के लिए अपने शरीर के संकेतों को समझें और जरूरी होने पर डॉक्टर से सलाह लें। याद रखें — सतर्कता ही सुरक्षा है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *