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आज के डिजिटल युग में संचार की सुविधा हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा बन गई है। मोबाइल नेटवर्क और इंटरनेट की सुगमता के लिए जगह-जगह मोबाइल टावर लगाए जा रहे हैं। वहीं, बढ़ती आबादी और शहरीकरण के कारण कई बार लोगों को अपने घर हाई वोल्टेज बिजली लाइनों या टावरों के पास बनाने पड़ते हैं। हालांकि, ये सुविधाएं आधुनिक जीवन के लिए जरूरी हैं, लेकिन इनके आसपास रहना आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं कि मोबाइल टावर और हाई वोल्टेज लाइन के पास रहना कितनी बड़ी चिंता का विषय हो सकता है।

मोबाइल टावर के पास रहना: कितना सुरक्षित?

मोबाइल टावर से निकलने वाली रेडिएशन (विकिरण) को लेकर विशेषज्ञों की राय बंटी हुई है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इनसे निकलने वाला नॉन-आयोनाइजिंग रेडिएशन कमज़ोर होता है और इससे कोई बड़ा नुकसान नहीं होता, जबकि कुछ शोधों में यह बात सामने आई है कि लंबे समय तक इसके संपर्क में रहने से सिरदर्द, अनिद्रा, चिड़चिड़ापन, याद्दाश्त में कमी, त्वचा रोग, आंखों में जलन और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है।

भारत में टेलीकॉम कंपनियां मकान मालिकों को मोबाइल टावर लगाने के लिए आकर्षक किराया देती हैं। यह आय का एक अच्छा जरिया हो सकता है, लेकिन इससे जुड़े स्वास्थ्य जोखिमों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। यदि आपके घर की छत पर मोबाइल टावर लगा है या आप ऐसे इलाके में रहते हैं जहाँ कई टावर लगे हैं, तो समय के साथ इसका असर आपके परिवार की सेहत पर पड़ सकता है।

रेडिएशन के प्रभाव: धीमे ज़हर की तरह

मोबाइल टावर से निकलने वाला रेडिएशन दिखता नहीं है, पर इसका असर धीरे-धीरे शरीर पर पड़ता है। बच्चों, गर्भवती महिलाओं और बुज़ुर्गों के लिए यह और भी अधिक खतरनाक हो सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (IARC) के अनुसार, मोबाइल टावर से निकलने वाली तरंगों को “संभवतः कैंसरकारी” (possibly carcinogenic) माना गया है।

हालांकि भारत में टावर की शक्ति पर कुछ नियम लागू हैं, फिर भी बहुत से मामलों में इनका पालन ठीक से नहीं होता। खासकर शहरी इलाकों में टावरों की संख्या अधिक होती जा रही है, जिससे रेडिएशन का प्रभाव कई गुना बढ़ सकता है।

हाई वोल्टेज लाइन के पास घर: एक अदृश्य खतरा

अगर आप ऐसे इलाके में घर बना रहे हैं या खरीद रहे हैं, जहाँ से हाई वोल्टेज बिजली की लाइनें गुजरती हैं, तो आपको सावधान रहने की ज़रूरत है। ऐसी बिजली लाइनों से निकलने वाला विद्युत-चुंबकीय क्षेत्र (Electromagnetic Field – EMF) लंबे समय तक शरीर पर असर डाल सकता है।

कुछ शोधों में पाया गया है कि हाई वोल्टेज लाइन के पास रहने वाले लोगों में Leukemia (रक्त कैंसर) का खतरा सामान्य लोगों से अधिक होता है, खासकर बच्चों में। इसके अलावा, यह नींद की गुणवत्ता, एकाग्रता और हृदय गति पर भी असर डाल सकता है।

कानूनी और वास्तु संबंधी विचार

हाई वोल्टेज लाइन और मोबाइल टावर से दूरी बनाए रखना न केवल स्वास्थ्य के लिहाज से जरूरी है, बल्कि कई नगर नियोजन नियमों के तहत इनसे एक न्यूनतम दूरी बनाए रखना अनिवार्य भी है।

वास्तुशास्त्र के अनुसार भी घर के ऊपर या आसपास भारी संरचनाओं जैसे टावर या उच्च वोल्टेज लाइनें नकारात्मक ऊर्जा फैलाती हैं, जिससे मानसिक तनाव और पारिवारिक कलह बढ़ सकती है।

क्या करें?

  1. घर खरीदने से पहले जांच करें – अगर आप नया घर खरीद रहे हैं या बना रहे हैं, तो पहले आस-पास मोबाइल टावर या हाई वोल्टेज लाइन की उपस्थिति की जानकारी लें।
  2. दूरी बनाए रखें – विशेषज्ञों की मानें तो मोबाइल टावर से कम से कम 500 मीटर और हाई वोल्टेज लाइन से 50-100 मीटर की दूरी सुरक्षित मानी जाती है।
  3. रेडिएशन मीटर से जाँच कराएं – अपने घर में रेडिएशन लेवल की जांच करने के लिए EMF मीटर का उपयोग करें और जरूरत हो तो तकनीकी विशेषज्ञ से सलाह लें।
  4. प्राकृतिक सुरक्षा उपाय अपनाएं – घर में तुलसी का पौधा लगाना, मोटे परदों का उपयोग करना, और मोबाइल फोन का सीमित प्रयोग रेडिएशन से कुछ हद तक सुरक्षा दे सकता है।

निष्कर्ष

भले ही मोबाइल टावर और हाई वोल्टेज बिजली लाइनें हमारे जीवन को सुविधाजनक बनाती हैं, लेकिन इनसे जुड़े खतरों को नजरअंदाज करना बुद्धिमानी नहीं है। यदि आप घर खरीदने या बनाने की योजना बना रहे हैं, तो स्थान का चुनाव बहुत सोच-समझकर करें। थोड़ी सी सतर्कता आपको और आपके परिवार को दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याओं से बचा सकती है। सुरक्षा और स्वास्थ्य के बीच संतुलन बनाकर ही हम एक बेहतर और सुरक्षित जीवन की ओर बढ़ सकते हैं।

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