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गर्भावस्था के दौरान खुजली एक आम लक्षण है, विशेष रूप से पेट, स्तनों और जांघों पर, क्योंकि त्वचा में खिंचाव होता है। लेकिन जब गर्भावस्था के अंतिम महीनों (तीसरी तिमाही) में हथेलियों और तलवों में तेज़ खुजली शुरू हो जाए, तो यह चिंता का कारण बन सकता है। यह लक्षण केवल हार्मोनल बदलाव या त्वचा खिंचाव से नहीं, बल्कि एक गंभीर अवस्था – इंट्राहेपेटिक कोलेस्टेसिस ऑफ प्रेगनेंसी (ICP) का संकेत हो सकता है।

पेट पर खुजली क्यों होती है?

गर्भावस्था में पेट और स्तनों की त्वचा खिंचती है जिससे सूखापन और खुजली सामान्य हो सकती है। इसके अलावा, हार्मोनल परिवर्तन भी त्वचा को संवेदनशील बना देते हैं।

समाधान:

  • हल्के और खुशबू रहित मॉइस्चराइज़र या प्राकृतिक तेल (नारियल, बादाम आदि) लगाएं

  • गर्म पानी से स्नान से बचें

  • ढीले और सूती कपड़े पहनें

लेकिन जब खुजली सिर्फ पेट तक सीमित न रहकर हथेलियों और पैरों के तलवों तक पहुंच जाए, तो यह सामान्य नहीं माना जाता।

क्या है इंट्राहैपेटिक कोलेस्टेसिस ऑफ प्रेगनेंसी (ICP)?

इंट्राहैपेटिक कोलेस्टेसिस (Intrahepatic Cholestasis) एक विशेष गर्भकालीन स्थिति है जिसमें लीवर का कार्य प्रभावित हो जाता है और पित्त का प्रवाह बाधित हो जाता है। यह पित्त रक्त में मिलकर त्वचा में तीव्र खुजली उत्पन्न करता है, विशेषकर हथेलियों और तलवों में। यह स्थिति सामान्यतः तीसरी तिमाही में होती है और अक्सर रात के समय खुजली अधिक बढ़ जाती है।

ICP के लक्षण:

ICP एक गर्भावस्था से जुड़ी जटिल स्थिति है जिसमें गर्भवती महिला को हथेलियों और तलवों में तीव्र खुजली महसूस होती है, जो आमतौर पर रात के समय अधिक बढ़ जाती है। इस खुजली के कारण त्वचा पर खरोंच के निशान दिखाई दे सकते हैं। कई बार पेशाब का रंग गाढ़ा हो जाता है और मल हल्के रंग का हो सकता है। इसके साथ ही, आंखों और त्वचा पर पीलापन (पीलिया) दिख सकता है। महिला को अत्यधिक थकान और चिड़चिड़ापन भी महसूस हो सकता है।

ICP के कारण:

ICP का मुख्य कारण हार्मोनल असंतुलन होता है, विशेष रूप से एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन के स्तर में बदलाव। यह स्थिति लीवर पर अतिरिक्त दबाव डालती है, जिससे पित्त रस (bile) का प्रवाह बाधित होता है। पारिवारिक या आनुवंशिक (जेनेटिक) इतिहास होने पर ICP का जोखिम बढ़ जाता है। जुड़वां गर्भावस्था या पहले से लीवर की समस्याएं होने पर भी इसकी संभावना अधिक होती है।

संभावित खतरे:

यह स्थिति मां और बच्चे दोनों के लिए जोखिमपूर्ण हो सकती है।

  • मां के लिए: अधिक खून बहने (postpartum hemorrhage) और प्रसव में जटिलताएं हो सकती हैं।
  • बच्चे के लिए: समय पूर्व जन्म (Preterm birth), गर्भ में मल त्याग (meconium passage) और दुर्लभ लेकिन गंभीर स्थिति — मृत जन्म (Stillbirth) का खतरा बढ़ सकता है।

जांच और निदान:

अगर गर्भावस्था के अंतिम महीनों में हथेलियों और तलवों में बिना रैश वाली खुजली हो रही हो, तो डॉक्टर इससे जुड़ी जांच कराने की सलाह देते हैं। इनमें प्रमुख रूप से लिवर फंक्शन टेस्ट (LFT), बाइल एसिड लेवल टेस्ट, और बीलीरुबिन, ALT, AST जैसे परीक्षण शामिल हैं। इन जांचों से यह स्पष्ट होता है कि लीवर सामान्य रूप से काम कर रहा है या नहीं, और ICP की पुष्टि हो सकती है।

यह जानकारी समय रहते पहचान और उचित इलाज में मदद करती है, जिससे मां और बच्चे दोनों की सेहत सुरक्षित रह सके।

उपचार

ICP का इलाज पूरी तरह संभव नहीं है, लेकिन इसे नियंत्रित किया जा सकता है:

  1. Ursodeoxycholic Acid (UDCA): पित्त अम्ल को नियंत्रित करने के लिए

  2. ऐंटीहिस्टामिन दवाएं: खुजली से राहत के लिए

  3. नियमित फॉलो-अप: माँ और बच्चे की स्थिति की निगरानी के लिए

  4. समय से पहले प्रसव: आमतौर पर 37वें सप्ताह के आसपास डिलीवरी कराने की सलाह दी जाती है

घरेलू उपाय (खुजली में राहत के लिए)

  • ठंडे पानी से स्नान करें

  • नारियल तेल या ऐलोवेरा जेल लगाएं

  • त्वचा को मॉइस्चराइज रखें

  • गर्म पानी और कैमिकल युक्त साबुन से बचें

  • सूती कपड़े पहनें और ज्यादा पसीना न आने दें

  • नींद और आराम का ध्यान रखें

डॉक्टर से कब संपर्क करें?

यदि निम्नलिखित लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें:

  • हथेलियों और तलवों में तीव्र खुजली

  • पीलिया के लक्षण (आँखें और त्वचा पीली होना)

  • गहरे रंग का मूत्र

  • हल्का रंग का मल

  • नींद न आना, बेचैनी, भूख की कमी

निष्कर्ष

गर्भावस्था में पेट पर खुजली सामान्य हो सकती है, लेकिन हथेलियों और तलवों में तीव्र खुजली एक चेतावनी संकेत हो सकती है। इसे हल्के में न लें। इंट्राहेपेटिक कोलेस्टेसिस ऑफ प्रेगनेंसी (Intrahepatic Cholestasis of Pregnancy) एक ऐसी स्थिति है जो माँ और शिशु दोनों के लिए गंभीर हो सकती है, लेकिन समय रहते पहचान और उचित इलाज से इससे निपटना संभव है। यदि आप या कोई और गर्भवती महिला इस तरह के लक्षण महसूस कर रही हैं, तो तुरंत विशेषज्ञ चिकित्सक से परामर्श लें।

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