किडनी (गुर्दे) हमारे शरीर का एक अत्यंत महत्वपूर्ण अंग है, जो खून को साफ करने, अतिरिक्त पानी और अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालने तथा शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स का संतुलन बनाए रखने का कार्य करता है। यदि किडनी सही से काम न करे तो शरीर में विषैले तत्व जमा होने लगते हैं जो कई गंभीर बीमारियों को जन्म दे सकते हैं। इसीलिए यह जानना जरूरी है कि आपकी किडनी स्वस्थ है या नहीं।
हालांकि किडनी से जुड़ी समस्याओं की सटीक पहचान डॉक्टर द्वारा किए गए रक्त और मूत्र परीक्षणों से ही होती है, लेकिन कुछ सामान्य लक्षण और घरेलू तरीके भी हैं जिनसे आप प्रारंभिक संकेत पहचान सकते हैं और समय रहते डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि कैसे आप घर बैठे यह जान सकते हैं कि आपकी किडनी ठीक से काम कर रही है या नहीं।
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पेशाब में बदलाव को नजरअंदाज न करें
किडनी की कार्यक्षमता सबसे पहले हमारे मूत्र के रंग, गंध और प्रवाह में दिखाई देती है। अगर आपकी किडनी ठीक से काम कर रही है, तो पेशाब का रंग हल्का पीला और पारदर्शी होता है। वहीं, कुछ असामान्य लक्षण निम्न हो सकते हैं:
- बहुत अधिक या बहुत कम पेशाब आना
- पेशाब का रंग बहुत गहरा (भूरा या गाढ़ा पीला) होना
- झागदार पेशाब (यह प्रोटीन लीक का संकेत हो सकता है)
- पेशाब करते समय जलन या दर्द
- रात में बार-बार पेशाब आना
यदि इनमें से कोई भी लक्षण लगातार बना रहे तो यह संकेत हो सकता है कि किडनी को लेकर कुछ गड़बड़ है।
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सूजन का होना – खासकर पैरों और आंखों के नीचे
जब किडनी ठीक से काम नहीं करती तो शरीर से अतिरिक्त तरल पदार्थ बाहर नहीं निकल पाता, जिससे पैरों, टखनों, हाथों और आंखों के नीचे सूजन आ सकती है। यह सूजन खासकर सुबह के समय अधिक नजर आती है।
अगर बिना किसी अन्य कारण के शरीर में बार-बार सूजन हो रही हो, तो यह किडनी की खराबी का प्रारंभिक लक्षण हो सकता है।
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थकान और कमजोरी महसूस होना
किडनी जब ठीक से काम नहीं करती, तो शरीर में हानिकारक टॉक्सिन्स और अपशिष्ट पदार्थ जमा होने लगते हैं, जिससे थकान, कमजोरी, एकाग्रता में कमी, और चिड़चिड़ापन जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
किडनी एरिथ्रोपॉयटिन (Erythropoietin) नामक हार्मोन का उत्पादन करती है, जो लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में मदद करता है। इसकी कमी से एनीमिया हो सकता है, जो थकान और सांस फूलने की वजह बनता है।
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त्वचा पर खुजली और रूखापन
किडनी शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने का काम करती है। जब यह प्रक्रिया धीमी या बाधित होती है, तो शरीर में इन पदार्थों का जमाव त्वचा पर असर डाल सकता है।
अगर आपकी त्वचा बहुत अधिक रूखी, खुजलीदार या बेजान हो गई है, तो यह किडनी की कार्यक्षमता में कमी का संकेत हो सकता है। लंबे समय तक चलने वाली खुजली को नजरअंदाज न करें।
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रक्तचाप और भूख पर असर
किडनी शरीर में रक्तचाप को नियंत्रित रखने में भी मदद करती है। यदि किडनी की कार्यप्रणाली बिगड़ती है, तो हाई ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है। इसके अलावा, किडनी की खराबी से मतली, उल्टी, और भूख में कमी जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।
अगर आपके ब्लड प्रेशर में अचानक बढ़ोतरी हो रही है और आप हमेशा थकान या उलझन महसूस कर रहे हैं, तो ये किडनी के खराब होने के संकेत हो सकते हैं।
घर पर किडनी की जांच कैसे करें?
हालांकि घरेलू तरीके पूर्ण रूप से मेडिकल परीक्षणों का विकल्प नहीं हो सकते, लेकिन शुरुआती संकेतों पर ध्यान देकर आप समय रहते कदम उठा सकते हैं:
- डेली यूरिन ट्रैकिंग करें – रंग, गंध और मात्रा का ध्यान रखें
- ब्लड प्रेशर मॉनिटर करें – नियमित रूप से जांचें
- वजन और सूजन पर नजर रखें – अचानक वजन बढ़ना या सूजन आना
- पानी की मात्रा – पर्याप्त पानी पीना जरूरी है, लेकिन बहुत अधिक भी नुकसानदेह हो सकता है
- होम यूरिन टेस्ट स्ट्रिप्स – मेडिकल स्टोर से यूरिन टेस्ट स्ट्रिप्स खरीदकर आप प्रोटीन, ग्लूकोज, और pH की जांच कर सकते हैं
कब डॉक्टर से मिलें?
यदि आप ऊपर बताए गए लक्षणों को लंबे समय से अनुभव कर रहे हैं, या यूरिन टेस्ट स्ट्रिप में असामान्य रिपोर्ट मिलती है, तो बिना देरी किए तुरंत नेफ्रोलॉजिस्ट (किडनी स्पेशलिस्ट) से संपर्क करें। डॉक्टर किडनी फंक्शन टेस्ट (KFT), यूरिन एनालिसिस, और अल्ट्रासाउंड जैसी जांचों के जरिए सटीक जानकारी प्रदान कर सकते हैं।
निष्कर्ष
किडनी की सेहत की अनदेखी करना खतरनाक हो सकता है। घर पर कुछ साधारण जांचों और लक्षणों की पहचान से आप किडनी से जुड़ी गंभीर बीमारियों को शुरुआती चरण में ही पकड़ सकते हैं। याद रखें, समय पर लिया गया निर्णय ही बेहतर इलाज की कुंजी होता है। यदि आपको किसी भी प्रकार की शंका है तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
स्वस्थ किडनी, स्वस्थ जीवन!
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