(Corona Virus अधिक खतरनाक बन जाता है इन स्वास्थ्य समस्याओं के साथ)
कोरोना वायरस (COVID-19) ने पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया। हालांकि अधिकतर लोग इस संक्रमण से ठीक हो जाते हैं, लेकिन कुछ लोगों के लिए यह जानलेवा साबित हो सकता है—खासकर उनके लिए जो पहले से किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे होते हैं। ऐसे मामलों में कोरोना वायरस की जटिलताएं बढ़ जाती हैं और स्थिति नियंत्रण से बाहर जा सकती है।
यह ब्लॉग उन्हीं स्थितियों पर रोशनी डालता है, जिनमें यदि व्यक्ति पहले से बीमार हो, तो कोरोना वायरस का संक्रमण उनके लिए जानलेवा साबित हो सकता है। साथ ही, हम यह भी जानेंगे कि ऐसे लोग कैसे सावधानी बरतकर खुद को सुरक्षित रख सकते हैं।
-
डायबिटीज (मधुमेह) और कोरोना का संबंध
डायबिटीज एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर में ब्लड शुगर लेवल असंतुलित हो जाता है। जब किसी डायबिटिक मरीज को कोरोना हो जाता है, तो शरीर की इम्यून सिस्टम पहले से कमजोर होती है, जिससे वायरस का असर और ज्यादा हो जाता है।
जोखिम कैसे बढ़ता है:
- ब्लड शुगर हाई रहने से वायरस तेजी से फैलता है।
- डायबिटीज मरीजों को संक्रमण जल्दी होता है और जल्दी ठीक नहीं होते।
- गंभीर मामलों में सांस की समस्या और अंगों का फेल होना संभव है।
सावधानी:
- ब्लड शुगर को नियंत्रित रखें।
- नियमित दवाएं और इंसुलिन लें।
- भीड़भाड़ और संक्रमण वाले स्थानों से दूर रहें।
-
हृदय रोग (Heart Disease) के मरीज रहें ज्यादा सतर्क
जिन लोगों को पहले से हार्ट अटैक, हाई ब्लड प्रेशर, कोरोनरी आर्टरी डिजीज जैसी समस्याएं हैं, उनके लिए कोरोना वायरस बहुत खतरनाक साबित हो सकता है।
खतरों का कारण:
- वायरस से शरीर में सूजन (Inflammation) बढ़ती है, जिससे दिल पर दबाव पड़ता है।
- ऑक्सीजन की कमी से हार्ट को नुकसान हो सकता है।
- दवाओं के साथ कोरोना की दवाओं का टकराव भी संभावित जोखिम बढ़ाता है।
सावधानी:
- ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल की नियमित जांच करें।
- फिजिकल एक्टिविटी बनाए रखें, लेकिन डॉक्टर की सलाह अनुसार।
- भावनात्मक तनाव से बचें क्योंकि यह दिल को और कमजोर कर सकता है।
-
अस्थमा और क्रॉनिक फेफड़ों की बीमारी (COPD)
कोरोना वायरस मुख्य रूप से फेफड़ों पर असर करता है। ऐसे में जिन्हें पहले से अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, या क्रॉनिक ऑब्स्ट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) है, उन्हें यह बीमारी गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है।
संभावित खतरे:
- सांस लेने में और अधिक दिक्कतें
- वेंटिलेटर की आवश्यकता बढ़ सकती है
- संक्रमण का तेजी से फैलाव
सावधानी:
- इनहेलर और दवाएं नियमित रूप से लें।
- ठंडी हवा, धूल और धुएं से बचें।
- डॉक्टर से ऑनलाइन परामर्श लेते रहें और एक्सरसाइज को नजरअंदाज न करें।
-
किडनी रोग से ग्रसित मरीजों पर असर
जिन मरीजों को क्रॉनिक किडनी डिजीज है या डायलिसिस पर हैं, उन्हें कोरोना वायरस गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकता है।
समस्याएं क्यों होती हैं:
- किडनी पहले से ही शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने में कमजोर होती है।
- कोरोना की दवाएं कभी-कभी किडनी पर असर डाल सकती हैं।
- इम्यून सिस्टम कमजोर होने से वायरस ज्यादा असर करता है।
सावधानी:
- डायलिसिस समय पर कराएं और डॉक्टर से संपर्क में रहें।
- हाइड्रेशन का खास ध्यान रखें।
- बिना डॉक्टर की सलाह कोई दवा न लें।
-
मोटापा (Obesity) भी है बड़ा खतरा
शोध में पाया गया है कि जिन लोगों का वजन बहुत अधिक होता है, उनके लिए भी कोविड-19 ज्यादा खतरनाक हो सकता है। मोटापा शरीर की इम्युनिटी को प्रभावित करता है और सांस संबंधी समस्याएं बढ़ाता है।
क्यों बढ़ता है खतरा:
- मोटापा फेफड़ों की कार्यक्षमता को कम करता है।
- शरीर में सूजन और रक्त प्रवाह में रुकावट आती है।
- अन्य बीमारियों (जैसे डायबिटीज, हाइपरटेंशन) के साथ मिलकर जोखिम दोगुना कर देता है।
सावधानी:
- वजन नियंत्रित रखने के लिए हेल्दी डाइट और योग अपनाएं।
- जंक फूड, मीठा और ज्यादा वसा से बचें।
- नियमित रूप से व्यायाम करें और डॉक्टर से सलाह लें।
निष्कर्ष
कोरोना वायरस किसी को भी संक्रमित कर सकता है, लेकिन अगर व्यक्ति पहले से किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित है, तो यह संक्रमण और भी खतरनाक रूप ले सकता है। ऐसे में सतर्कता और सावधानी ही सबसे बड़ा बचाव है।
अगर आप या आपके परिवार में कोई सदस्य इन बीमारियों से जूझ रहा है, तो उन्हें अतिरिक्त देखभाल की आवश्यकता है। समय पर जांच, वैक्सीनेशन, स्वस्थ खानपान और मानसिक शांति बनाए रखना बेहद ज़रूरी है।
याद रखें — आपकी सावधानी, आपके जीवन की सुरक्षा है।