बरसात का मौसम जहाँ एक ओर ठंडी-ठंडी फुहारों और हरियाली से मन को सुकून देता है, वहीं दूसरी ओर यह कई प्रकार की बीमारियों और संक्रमणों का खतरा भी लेकर आता है। इस मौसम में नमी और जलभराव के कारण मच्छरों, बैक्टीरिया और वायरस की संख्या तेजी से बढ़ जाती है, जिससे सर्दी-जुकाम, डेंगू, मलेरिया, फूड प्वाइज़निंग और स्किन इंफेक्शन जैसी समस्याएँ आम हो जाती हैं।
ऐसे में जरूरी हो जाता है कि हम इस मौसम में अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि बरसात के मौसम में कैसे कुछ सरल लेकिन प्रभावी उपायों के ज़रिए आप खुद को स्वस्थ और सुरक्षित रख सकते हैं।
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खानपान में करें समझदारी से बदलाव
बरसात के मौसम में बाहर का तला-भुना, स्ट्रीट फूड और खुला रखा हुआ खाना खाने से बचें। ये खाद्य पदार्थ जल्दी खराब होते हैं और फूड पॉइजनिंग की संभावना बढ़ा देते हैं। इसके बजाय आप हल्का, सुपाच्य और घर का ताजा बना भोजन करें।
खास बातें:
- उबला हुआ पानी पिएं या फिल्टर का उपयोग करें।
- हरी पत्तेदार सब्ज़ियाँ जैसे पालक, मेथी आदि अच्छी तरह धोकर ही खाएं।
- दही, छाछ जैसी प्रोबायोटिक चीजें पाचन में मदद करती हैं।
- गरम सूप और हर्बल टी (अदरक, तुलसी, काली मिर्च से बनी) का सेवन करें।
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शरीर को रखें सूखा और साफ़
बरसात में लगातार भीगने या गीले कपड़े पहनने से फंगल इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है, खासकर पैरों और स्किन फोल्ड्स में।
बचाव के उपाय:
- बारिश में भीगने के बाद तुरंत कपड़े बदलें और खुद को अच्छी तरह सुखाएं।
- कॉटन के हल्के कपड़े पहनें जो त्वचा को सांस लेने दें।
- एंटी-फंगल पाउडर का इस्तेमाल करें खासकर पैरों और अंडरआर्म्स में।
- गीले जूते और मोजे पहनने से बचें।
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मच्छरों से बचाव है जरूरी
बरसात के मौसम में मच्छरों का प्रकोप बढ़ जाता है जिससे मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया जैसी बीमारियाँ फैलती हैं।
बचने के लिए अपनाएं ये तरीके:
- मच्छरदानी का प्रयोग करें।
- शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें।
- घर के आसपास पानी जमा न होने दें।
- नीम का धुआँ, मच्छर भगाने वाली क्रीम और लिक्विड का इस्तेमाल करें।
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रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्युनिटी) को बढ़ाएं
मौसम बदलने पर शरीर की इम्युनिटी कमजोर हो जाती है, जिससे हम जल्दी बीमार पड़ सकते हैं। ऐसे में इम्युन सिस्टम को मज़बूत बनाए रखना जरूरी है।
इसके लिए:
- विटामिन C युक्त फल जैसे नींबू, संतरा, आंवला आदि का सेवन करें।
- हल्दी वाला दूध इन्फेक्शन से बचाता है।
- सुबह-सुबह योग, प्राणायाम और मेडिटेशन करें।
- भरपूर नींद लें और तनाव से दूर रहें।
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साफ-सफाई और हाइजीन का रखें विशेष ध्यान
बरसात में गंदगी और कीचड़ से संक्रामक रोगों का खतरा काफी बढ़ जाता है। इस मौसम में व्यक्तिगत स्वच्छता के साथ-साथ घर की सफाई भी जरूरी है।
ध्यान देने योग्य बातें:
- रोज़ाना हाथ धोने की आदत डालें, खासकर खाने से पहले।
- टॉयलेट और बाथरूम को साफ और सूखा रखें।
- बच्चों को मिट्टी में खेलने से रोकें या खेलने के बाद तुरंत नहलाएं।
- कीड़े-मकौड़ों से बचने के लिए घर में कीटनाशक का छिड़काव करें।
निष्कर्ष:
बरसात का मौसम प्राकृतिक रूप से आनंददायक होता है लेकिन यह कई बीमारियों को भी जन्म देता है। ऐसे में यदि हम थोड़ी सी सावधानी और स्वच्छता का ध्यान रखें, संतुलित आहार लें, और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाएं, तो हम इस मौसम का पूरा आनंद ले सकते हैं बिना बीमार हुए।
स्वस्थ शरीर के साथ ही मानसून की फुहारों में भीगने का असली मज़ा लिया जा सकता है – बस जरूरत है सजग और समझदार रहने की।