प्रोटीन हमारे शरीर के निर्माण खंड (building blocks) होते हैं। मांसपेशियों को मज़बूत बनाने से लेकर इम्यून सिस्टम को दुरुस्त रखने तक, प्रोटीन का योगदान हर स्तर पर जरूरी है। पुरुषों के लिए विशेष रूप से प्रोटीन इसलिए और भी अहम हो जाता है क्योंकि उन्हें शारीरिक मेहनत, व्यायाम, पेशीय विकास और हार्मोनल संतुलन के लिए पर्याप्त प्रोटीन की आवश्यकता होती है।
लेकिन एक आम सवाल यह उठता है – आख़िर एक पुरुष को रोज़ाना कितनी प्रोटीन लेनी चाहिए? इस लेख में हम वैज्ञानिक तथ्यों और हेल्थ गाइडलाइनों के आधार पर जानेंगे कि पुरुषों के लिए प्रोटीन की सही मात्रा कितनी है, कौन-कौन से स्रोत सबसे अच्छे हैं, और प्रोटीन की कमी या अधिकता से क्या असर हो सकता है।
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प्रोटीन की जरूरत – विज्ञान क्या कहता है?
प्रोटीन की मात्रा व्यक्ति की उम्र, वजन, शारीरिक गतिविधि और जीवनशैली पर निर्भर करती है। वैज्ञानिक आधार पर, एक स्वस्थ वयस्क पुरुष को प्रति किलोग्राम शरीर वजन के अनुसार 0.8 ग्राम प्रोटीन प्रतिदिन की आवश्यकता होती है।
उदाहरण के लिए:
- अगर आपका वजन 70 किलो है, तो आपको लगभग 56 ग्राम प्रोटीन प्रतिदिन लेना चाहिए (70 x 0.8 = 56)।
हालांकि, यह मात्रा सामान्य दिनचर्या के लिए है। अगर आप जिम जाते हैं, एथलीट हैं, मसल्स बनाना चाहते हैं या कोई भारी काम करते हैं तो यह मात्रा 1.2 से 2 ग्राम/किलो तक भी जा सकती है।
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प्रोटीन के मुख्य स्त्रोत – शाकाहारी और मांसाहारी दोनों के लिए
प्रोटीन के अच्छे स्रोत न केवल मांसाहारी बल्कि शाकाहारी डाइट में भी भरपूर होते हैं। नीचे कुछ प्रमुख स्त्रोत दिए जा रहे हैं:
मांसाहारी स्रोत:
- अंडे (1 अंडा = लगभग 6 ग्राम प्रोटीन)
- चिकन ब्रेस्ट (100 ग्राम = लगभग 31 ग्राम प्रोटीन)
- मछली (साल्मन, टूना आदि)
- दही और पनीर
शाकाहारी स्रोत:
- दालें (मूंग, मसूर, चना)
- सोयाबीन और टोफू
- दूध और उससे बने उत्पाद
- नट्स (बादाम, मूंगफली)
- बीज (फ्लैक्ससीड, चिया)
प्रोटीन पाउडर या सप्लिमेंट:
अगर प्राकृतिक आहार से प्रोटीन पूरी नहीं हो पा रही है, तो डॉक्टर या न्यूट्रिशनिस्ट की सलाह से प्रोटीन सप्लिमेंट भी लिया जा सकता है। लेकिन याद रखें, ये सप्लिमेंट हैं, आहार का विकल्प नहीं।
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कम प्रोटीन लेने के नुकसान
प्रोटीन की कमी से शरीर में कई समस्याएं पैदा हो सकती हैं, जैसे:
- मांसपेशियों की कमजोरी: शरीर की मसल्स टूटने लगती हैं और विकास रुक जाता है।
- थकान और कमजोरी: ऊर्जा की कमी से काम में मन नहीं लगता।
- बाल और त्वचा की खराब हालत: बाल झड़ना, त्वचा रूखी होना।
- रोग प्रतिरोधक क्षमता में गिरावट: बीमारियों से लड़ने की ताकत घट जाती है।
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अधिक प्रोटीन लेने से भी हो सकते हैं नुकसान
जहां प्रोटीन की कमी नुकसानदायक है, वहीं बहुत ज्यादा प्रोटीन लेना भी शरीर के लिए खतरनाक हो सकता है, खासकर बिना डॉक्टर की सलाह के लंबे समय तक हाई-प्रोटीन डाइट अपनाना।
- किडनी पर प्रभाव: ज्यादा प्रोटीन से किडनी को प्रोसेसिंग में ज़्यादा मेहनत करनी पड़ती है।
- डिहाइड्रेशन: प्रोटीन को पचाने के लिए अधिक पानी की जरूरत होती है, जिससे शरीर में पानी की कमी हो सकती है।
- वज़न बढ़ना: यदि अतिरिक्त प्रोटीन फैट या कार्ब्स के रूप में स्टोर हो जाए तो मोटापा बढ़ सकता है।
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प्रोटीन कैसे और कब लें – सही तरीका
- दिनभर में प्रोटीन को विभाजित करके लेना बेहतर होता है, जैसे – सुबह, दोपहर और रात के खाने में थोड़ी-थोड़ी मात्रा।
- वर्कआउट के बाद प्रोटीन लेना मसल रिकवरी के लिए लाभदायक होता है।
- खाली पेट भारी मात्रा में प्रोटीन लेने से बचें, इससे पेट खराब हो सकता है।
- प्रोटीन के साथ फाइबर और पर्याप्त पानी का सेवन ज़रूर करें ताकि पाचन सही बना रहे।
निष्कर्ष:
पुरुषों के लिए प्रोटीन न केवल एक पोषक तत्व है, बल्कि एक स्वस्थ जीवनशैली का आधार भी है। सही मात्रा में प्रोटीन का सेवन आपके शरीर को मज़बूती, ऊर्जा और रोग प्रतिरोधक क्षमता देता है। लेकिन संतुलन बहुत ज़रूरी है – न बहुत कम, न बहुत ज्यादा।
इसलिए अपने शरीर की ज़रूरत को समझिए, अपने वजन और लाइफस्टाइल के अनुसार प्रोटीन का सेवन कीजिए, और ज़रूरत पड़ने पर न्यूट्रिशन एक्सपर्ट से सलाह लेने में संकोच न करें।
याद रखिए – स्वस्थ शरीर की नींव है संतुलित प्रोटीन।