बच्चों की सुरक्षा के लिए माता–पिता की जिम्मेदारी
आज की दुनिया में बच्चों की सुरक्षा एक बहुत बड़ी चिंता का विषय बन चुकी है। जहां एक ओर हम बच्चों को पढ़ाई, खेल और नैतिक मूल्यों की शिक्षा देते हैं, वहीं दूसरी ओर एक अहम बात जिसे अक्सर नज़रअंदाज कर दिया जाता है, वह है – अच्छा और बुरा स्पर्श (Good Touch और Bad Touch) की जानकारी देना।
बच्चों को यह समझाना बेहद जरूरी है कि कौन सा स्पर्श उनके लिए सुरक्षित है और कौन सा खतरनाक हो सकता है। कई बार बच्चे किसी गलत स्थिति में होते हैं लेकिन वे उसे समझ नहीं पाते क्योंकि उन्हें यह सिखाया ही नहीं गया होता कि क्या गलत है। यही कारण है कि अभिभावकों को यह जिम्मेदारी उठानी चाहिए कि वे समय रहते बच्चों को अच्छे और बुरे स्पर्श की पहचान कराना सीखाएं।
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अच्छा स्पर्श (Good Touch) क्या होता है?
अच्छा स्पर्श वह होता है जो बच्चों को सुरक्षित, खुश और आरामदायक महसूस कराता है। यह वह स्पर्श होता है जो प्यार और देखभाल के उद्देश्य से किया जाता है। जैसे:
- माँ-बाप का गले लगाना
- शिक्षक का कंधे पर प्यार से हाथ रखना
- डॉक्टर का इलाज के समय किया गया स्पर्श
- किसी मित्र या रिश्तेदार का हाथ पकड़ना, जब वह समर्थन के लिए हो
ऐसे स्पर्श से बच्चे को कभी भी असहजता महसूस नहीं होती। यह जरूरी है कि बच्चों को बताया जाए कि यह स्पर्श उनकी भलाई के लिए है और इसमें डरने की कोई बात नहीं है।
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बुरा स्पर्श (Bad Touch) क्या होता है?
बुरा स्पर्श वह होता है जिससे बच्चा डर जाए, असहज महसूस करे या उसे अजीब लगने लगे। ऐसे स्पर्श का उद्देश्य बच्चे को नुकसान पहुंचाना होता है। उदाहरण के लिए:
- किसी का बच्चे की पैंट के अंदर हाथ डालना
- छिपकर शरीर के निजी अंगों को छूना
- किसी अजनबी या जानकार द्वारा अनुचित ढंग से गले लगाना
- बच्चा यदि किसी के छूने पर डर जाए या रोने लगे
बच्चों को यह समझाना बेहद आवश्यक है कि यदि किसी का स्पर्श उन्हें अच्छा नहीं लगता या वे असहज महसूस करते हैं, तो वे उसे “बुरा स्पर्श” समझें और तुरंत प्रतिक्रिया दें।
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बच्चों को कैसे सिखाएं – ‘नो, गो, टेल’ रूल
बच्चों को ‘No, Go, Tell’ रूल जरूर सिखाना चाहिए, जो उन्हें बुरा स्पर्श होने की स्थिति में सुरक्षित रखने में मदद करता है:
- NO कहें: यदि कोई गलत तरीके से छूता है, तो तुरंत जोर से “ना” कहें।
- GO यानी वहां से भागें: ऐसी स्थिति से तुरंत खुद को दूर करें।
- TELL यानी किसी भरोसेमंद व्यक्ति को बताएं: जैसे माता-पिता, शिक्षक या बड़ा भाई/बहन।
बच्चों को यह आत्मविश्वास देना जरूरी है कि वे किसी भी असहज स्थिति में खुलकर बोल सकें।
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बच्चों को प्राइवेट बॉडी पार्ट्स के बारे में जानकारी दें
अक्सर हम शर्म या झिझक की वजह से बच्चों को उनके शरीर के बारे में कुछ नहीं बताते। लेकिन यह आवश्यक है कि बच्चे जानें कि उनके शरीर के कुछ हिस्से निजी (Private) होते हैं – जैसे कि छाती, गुप्तांग, और नितंब – और इन्हें कोई और नहीं छू सकता।
आप बच्चों को यह भी सिखा सकते हैं कि प्राइवेट पार्ट्स वही होते हैं जो अंडरवियर के अंदर होते हैं। इन्हें कोई भी बिना जरूरत के नहीं देख या छू सकता – न रिश्तेदार, न दोस्त, और न ही कोई बड़ा।
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बच्चों से संवाद बनाए रखें और उन्हें भरोसा दें
बच्चों के साथ संवाद बनाए रखना अत्यंत जरूरी है। उन्हें बताएं कि वे किसी भी समय आपके पास आकर अपनी बात कह सकते हैं, चाहे वह कितनी भी छोटी या बड़ी क्यों न हो। कई बार बच्चे डर या शर्म की वजह से बुरा स्पर्श होने पर भी कुछ नहीं बताते। ऐसे में माता-पिता की भूमिका अहम हो जाती है।
उनसे रोज़ाना बात करें, पूछें कि स्कूल में, ट्यूशन में या खेलने के समय क्या हुआ। यदि बच्चा किसी व्यक्ति का नाम सुनकर डरता है या किसी के पास नहीं जाना चाहता, तो इसे गंभीरता से लें।
निष्कर्ष:
बच्चों को अच्छा और बुरा स्पर्श सिखाना केवल एक बार की बात नहीं है, यह एक सतत प्रक्रिया है जिसमें धैर्य, संवाद और शिक्षा की आवश्यकता होती है। हमें यह समझना होगा कि बच्चों की सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है और यह तभी संभव है जब हम उन्हें आत्मनिर्भर और जागरूक बनाएं।
आज ही अपने बच्चों के साथ इस विषय पर खुलकर बात करें। उन्हें बताएं कि उनका शरीर उनका है और किसी को भी यह अधिकार नहीं कि वह उन्हें बिना उनकी अनुमति के छुए।
याद रखें:
जागरूक बच्चा = सुरक्षित बच्चा
इस जानकारी को अधिक से अधिक लोगों के साथ साझा करें ताकि हर बच्चा सुरक्षित और सशक्त बन सके।