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स्वस्थ शरीर की पहचान उसके सामान्य कार्यों से होती है। हमारी दैनिक गतिविधियों में एक जरूरी हिस्सा पेशाब भी है। आमतौर पर इसका रंग हल्का पीला और पारदर्शी होता है, लेकिन अगर पेशाब में झाग दिखाई दे तो इसे हल्के में लेना खतरे की घंटी साबित हो सकता है। कभी-कभी यह सामान्य कारणों से भी हो सकता है, लेकिन यदि यह बार-बार या लगातार दिखे, तो यह किसी गम्भीर बीमारी का संकेत भी हो सकता है।

इस लेख में हम जानेंगे कि पेशाब में झाग क्यों आता है, यह किन बीमारियों का लक्षण हो सकता है, और इसके बचाव के उपाय क्या हैं।

पेशाब में झाग आने के सामान्य कारण

कुछ सामान्य परिस्थितियों में पेशाब में झाग आना स्वाभाविक होता है। जैसे:

  • तेज धार से पेशाब करना – जब पेशाब तेज दबाव से आता है, तो पानी से टकराने पर उसमें झाग बन सकता है।
  • डिहाइड्रेशन (पानी की कमी) – जब शरीर में पानी की कमी होती है, तब पेशाब गाढ़ा हो जाता है और उसमें झाग आ सकता है।
  • डाइट में प्रोटीन की अधिकता – अत्यधिक प्रोटीन लेने से शरीर उसे पेशाब के माध्यम से बाहर निकालता है, जिससे झाग बनने की संभावना रहती है।

हालांकि, यदि यह स्थिति बार-बार हो रही है, तो यह किसी मेडिकल समस्या की ओर इशारा कर सकता है।

पेशाब में झाग आना: किन बीमारियों का संकेत हो सकता है?

(a) प्रोटीनयूरिया (Proteinuria)

यह स्थिति तब होती है जब पेशाब में अत्यधिक मात्रा में प्रोटीन बाहर निकलता है। यह आमतौर पर किडनी से जुड़ी समस्याओं जैसे किडनी फेलियर, नेफ्रोटिक सिंड्रोम या ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस के कारण हो सकता है।

(b) डायबिटीज और हाई बीपी

लंबे समय तक अनियंत्रित डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर किडनी को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे पेशाब में झाग बनने लगता है। यह किडनी की फिल्टरिंग क्षमता को प्रभावित करता है और प्रोटीन पेशाब के रास्ते बाहर निकलने लगता है।

(c) यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI)

पेशाब में संक्रमण के कारण भी झाग आ सकता है। इसके साथ जलन, बार-बार पेशाब आना, बदबू और पेल्विक दर्द जैसे लक्षण भी हो सकते हैं।

(d) स्पर्म मिक्सिंग (Retrograde Ejaculation)

कुछ पुरुषों में वीर्य मूत्रमार्ग में मिलकर पेशाब के साथ बाहर आता है। इसे retrograde ejaculation कहते हैं। इससे भी पेशाब झागदार हो सकता है।

पेशाब में झाग के साथ आने वाले अन्य लक्षणों पर ध्यान दें

अगर पेशाब में झाग के साथ निम्न लक्षण भी दिखें, तो तुरन्त डॉक्टर से संपर्क करें:

  • पेशाब में जलन या दर्द
  • पेशाब का रंग बदलना (गाढ़ा पीला या भूरा)
  • शरीर में सूजन (खासकर चेहरे और पैरों में)
  • थकावट और कमजोरी
  • भूख कम लगना
  • बदबूदार पेशाब

ये लक्षण किडनी से जुड़ी गंभीर बीमारियों का संकेत हो सकते हैं।

पेशाब में झाग का इलाज कैसे करें?

इलाज का तरीका कारण पर निर्भर करता है। सामान्य स्थितियों में:

  • पानी की मात्रा बढ़ाएं – डिहाइड्रेशन को रोकने के लिए रोज 8-10 गिलास पानी जरूर पिएं।
  • संतुलित आहार लें – अत्यधिक प्रोटीन और नमक से बचें।
  • संक्रमण से बचाव करें – साफ-सफाई का ध्यान रखें और यौन संबंधों में सावधानी बरतें।
  • नियमित स्वास्थ्य जांच – ब्लड प्रेशर, शुगर और किडनी फंक्शन की नियमित जांच करवाते रहें।

गंभीर मामलों में डॉक्टर यूरीन एनालिसिस, ब्लड टेस्ट, किडनी फंक्शन टेस्ट और अल्ट्रासाउंड जैसी जांचें करवा सकते हैं।

घरेलू उपाय और बचाव की सलाह

  • नींबू पानी, नारियल पानी, बेल का शरबत जैसे प्राकृतिक पेय पदार्थ लें जो किडनी को साफ रखने में सहायक होते हैं।
  • योग और प्राणायाम करें जिससे ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है और अंगों की कार्यक्षमता बनी रहती है।
  • अत्यधिक दवाइयों और दर्द निवारक गोली (painkillers) से बचें, जो किडनी पर असर डालती हैं।

निष्कर्ष

पेशाब में झाग आना एक सामान्य घटना भी हो सकती है और किसी गंभीर बीमारी का संकेत भी। यदि यह बार-बार होता है या अन्य लक्षणों के साथ दिखाई देता है, तो इसे नजरअंदाज करना समझदारी नहीं है। समय पर जांच और उचित इलाज से आप बड़ी बीमारी से बच सकते हैं। अपने शरीर के संकेतों को समझें और अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें।

 

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