आजकल की तेज़-तर्रार और तनावपूर्ण जीवनशैली ने न केवल हमारी मानसिक सेहत को प्रभावित किया है, बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य पर भी गंभीर असर डाला है। विशेषकर पुरुषों में प्रजनन क्षमता से जुड़ी समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। ऐसे में “स्पर्म काउंट” यानी शुक्राणुओं की संख्या एक बड़ा मुद्दा बनकर उभरा है। कम स्पर्म काउंट (Low Sperm Count) न केवल गर्भधारण में बाधा बनता है, बल्कि पुरुषों के आत्मविश्वास और वैवाहिक जीवन पर भी असर डाल सकता है।
लेकिन अच्छी खबर यह है कि जीवनशैली और आहार में कुछ सकारात्मक बदलाव करके स्पर्म काउंट को बेहतर किया जा सकता है। इस लेख में हम जानेंगे कि किन तरीकों से और कौन-कौन से खाद्य पदार्थों के जरिए पुरुष अपने स्पर्म काउंट को स्वाभाविक रूप से बढ़ा सकते हैं।
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जीवनशैली में बदलाव – पहला कदम सेहत की ओर
आपका रोज़मर्रा का रुटीन ही आपके प्रजनन स्वास्थ्य को सबसे अधिक प्रभावित करता है।
स्पर्म काउंट को बढ़ाने के लिए इन जीवनशैली सुधारों को अपनाना बेहद जरूरी है:
- तनाव से बचें: लगातार मानसिक तनाव शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन बढ़ाता है, जो टेस्टोस्टेरोन के स्तर को कम करता है, जिससे स्पर्म काउंट घटता है। ध्यान (Meditation), योग और पर्याप्त नींद इस तनाव को कम करने में मदद करते हैं।
- पर्याप्त नींद लें: हर रात कम से कम 7-8 घंटे की नींद शरीर के हार्मोनल संतुलन को बनाए रखने में सहायक होती है।
- स्मोकिंग और अल्कोहल से दूरी: धूम्रपान और अत्यधिक शराब का सेवन शुक्राणु गुणवत्ता को कमजोर करता है।
- टाइट कपड़े न पहनें: बहुत टाइट अंडरवियर या पैंट से अंडकोषों का तापमान बढ़ जाता है, जिससे स्पर्म उत्पादन प्रभावित होता है। कॉटन के ढीले कपड़े पहनना बेहतर विकल्प है।
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प्राकृतिक और पोषक आहार से करें स्पर्म काउंट में सुधार
आपका खानपान आपके स्पर्म की क्वालिटी और मात्रा को सीधे प्रभावित करता है। नीचे कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ बताए जा रहे हैं, जो आपके स्पर्म काउंट को बढ़ाने में मददगार हो सकते हैं:
- अश्वगंधा: आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी जो टेस्टोस्टेरोन को बढ़ाने और तनाव कम करने में मदद करती है।
- अखरोट (Walnuts): इसमें मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड स्पर्म की गतिशीलता (Motility) को बढ़ाता है।
- अंडे: प्रोटीन और विटामिन E से भरपूर अंडे स्पर्म की संख्या और क्वालिटी सुधारने में कारगर हैं।
- टमाटर: इसमें मौजूद लाइकोपीन एंटीऑक्सीडेंट होता है, जो स्पर्म की संरचना को बेहतर बनाता है।
- केला: इसमें ब्रोमेलिन नामक एंजाइम होता है, जो टेस्टोस्टेरोन हार्मोन को संतुलित करता है।
- लहसुन: इसमें मौजूद सेलेनियम और विटामिन B6 स्पर्म उत्पादन को बढ़ावा देते हैं।
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विटामिन और मिनरल्स की भूमिका
सही पोषक तत्वों की कमी स्पर्म काउंट में गिरावट की एक बड़ी वजह हो सकती है। नीचे दिए गए कुछ प्रमुख विटामिन्स और मिनरल्स स्पर्म हेल्थ के लिए जरूरी हैं:
- जिंक (Zinc): यह सबसे महत्वपूर्ण मिनरल है जो टेस्टोस्टेरोन उत्पादन और स्पर्म क्वालिटी को बेहतर बनाता है। सीप (Oysters), बीज (Pumpkin seeds) और दूध में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।
- विटामिन C: यह एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है, जो शरीर में फ्री रेडिकल्स से लड़कर स्पर्म की रक्षा करता है।
- विटामिन E: यह शुक्राणुओं की झिल्ली को सुरक्षित रखने में सहायक है और प्रजनन क्षमता बढ़ाता है।
- फोलिक एसिड (Vitamin B9): यह DNA की गुणवत्ता बनाए रखता है, जो शुक्राणु के लिए जरूरी है।
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व्यायाम और शारीरिक गतिविधियां
नियमित व्यायाम न केवल शरीर को फिट रखता है, बल्कि हार्मोन को भी संतुलित करता है।
- वेट ट्रेनिंग और कार्डियो व्यायाम टेस्टोस्टेरोन लेवल को बढ़ाते हैं, जो स्पर्म उत्पादन के लिए ज़रूरी है।
- ध्यान रखें कि बहुत ज्यादा वर्कआउट करने से टेस्टोस्टेरोन कम भी हो सकता है, इसलिए संतुलन बनाए रखें।
- योग और प्राणायाम से तनाव घटता है और रक्त संचार बेहतर होता है, जिससे प्रजनन अंगों में ऑक्सीजन और पोषण पहुँचता है।
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नियमित जांच और डॉक्टर की सलाह
अगर आप लंबे समय से संतान प्राप्ति की योजना बना रहे हैं और कोई सफलता नहीं मिल रही है, तो जल्द से जल्द डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।
- स्पर्म एनालिसिस टेस्ट के ज़रिए स्पर्म की संख्या, गतिशीलता और संरचना की जांच की जाती है।
- किसी भी तरह के हार्मोनल असंतुलन या अंडकोष की समस्या का निदान किया जा सकता है।
जल्दी जांच कराने से समस्या को समय पर समझा और हल किया जा सकता है।
निष्कर्ष:
स्पर्म काउंट कम होना आज की पीढ़ी में एक आम समस्या बनती जा रही है, लेकिन घबराने की ज़रूरत नहीं। सही आहार, स्वस्थ जीवनशैली, तनाव मुक्त दिनचर्या और नियमित जांचों से इस समस्या को प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया जा सकता है। अपने शरीर की ज़रूरतों को समझें, समय पर आवश्यक बदलाव करें और अपने प्रजनन स्वास्थ्य को मजबूत बनाएं।
याद रखें – स्वस्थ जीवन ही है स्वस्थ संतान की नींव।