स्किन टैग क्या होता है?
स्किन टैग, जिसे हिंदी में अक्सर त्वचा की गाँठ, त्वचा का लटकता तिल, या छोटा मांस का टुकड़ा कहा जाता है, त्वचा पर बनने वाला एक छोटा, मुलायम और बेदर्द उभार होता है। यह आमतौर पर त्वचा की परत से थोड़ा बाहर निकला हुआ होता है और रंग में आपकी त्वचा जैसा ही या थोड़ा गहरा हो सकता है।
ये हानिरहित होते हैं लेकिन दिखने में खराब लग सकते हैं, खासकर जब ये गर्दन, पलकों, बगल या गुप्तांगों के पास हों।
ये स्किन टैग क्यों होते हैं? (कारण)
स्किन टैग बनने का कोई एक निश्चित कारण नहीं है, लेकिन कुछ संभावित कारण ये हो सकते हैं:
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त्वचा की रगड़ (Friction) – जहां त्वचा एक-दूसरे से रगड़ खाती है (जैसे गर्दन, बगल, जांघें आदि)।
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ओवरवेट होना या मोटापा – वजन ज्यादा होने पर त्वचा की सिलवटें ज़्यादा होती हैं।
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डायबिटीज़ और हार्मोनल बदलाव – खासकर गर्भावस्था में।
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उम्र बढ़ना – 40 की उम्र के बाद स्किन टैग होना आम बात है।
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आनुवांशिक कारण – परिवार में किसी को होने पर आपको भी हो सकता है।
स्किन टैग कैसे दिखते हैं और क्या ये खतरनाक होते हैं?
स्किन टैग देखने में त्वचा से लटकते हुए छोटे और नरम उभार होते हैं। ये सामान्यतः आपकी त्वचा के रंग के ही होते हैं या कभी-कभी थोड़ा गहरा भी हो सकते हैं। इनका स्पर्श स्पंजी और मुलायम होता है। अच्छी बात यह है कि ये ज्यादातर मामलों में बिल्कुल भी खतरनाक नहीं होते। इनसे कैंसर का कोई सीधा संबंध नहीं पाया गया है। हालांकि, यदि किसी स्किन टैग में अचानक बदलाव आए, जैसे उसका रंग गहरा हो जाए, उसमें खून आने लगे या तेज़ जलन हो तो डॉक्टर को दिखाना ज़रूरी हो जाता है।
तिल, मस्सा और स्किन टैग में क्या फर्क है?
चीज़ | पहचान | खतरनाक? | इलाज |
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तिल (Mole) | रंग गहरा, सपाट या उभरा हुआ | कभी-कभी | लेज़र/सर्जरी |
मस्सा (Wart) | खुरदरा, हार्ड, वायरस से होता है | फैल सकता है | मेडिकेशन/सर्जरी |
स्किन टैग | मुलायम, लटकता हुआ | नहीं | घरेलू उपाय/सर्जिकल हटाना |
स्किन टैग का इलाज क्या है?
स्किन टैग का इलाज पूरी तरह से आवश्यक नहीं होता जब तक कि वह किसी प्रकार की परेशानी न दे रहा हो या देखने में बुरा न लग रहा हो। यदि कोई व्यक्ति स्किन टैग से परेशान है, तो उसे हटवाने के लिए मेडिकल विकल्प मौजूद हैं। मेडिकल ट्रीटमेंट (Doctor द्वारा किया जाने वाला इलाज):
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क्रायोथेरेपी – टैग को ठंड से फ्रीज़ कर के हटाना
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कटिंग (Excision) – स्किन टैग को छोटी सर्जरी से काट देना
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लेज़र या इलेक्ट्रोकॉटरी – हीट या इलेक्ट्रिक करंट से हटाना
यह इलाज डॉक्टर क्लिनिक में करते हैं और आमतौर पर सेफ होते हैं।
आयुर्वेदिक और होम्योपैथी इलाज
🌿 आयुर्वेदिक उपाय:
आयुर्वेद और होम्योपैथी में स्किन टैग का इलाज संभव माना जाता है। आयुर्वेद में नीम, हल्दी, अपामार्ग, और गंधक रसायन जैसे तत्वों का प्रयोग किया जाता है जो त्वचा को शुद्ध करने और विकार दूर करने में सहायक होते हैं। आयुर्वेदिक औषधियाँ त्वचा की स्थिति में धीरे-धीरे सुधार लाती हैं, लेकिन इनके लिए नियमितता और संयम आवश्यक होता है।
⚪ होम्योपैथिक उपचार:
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Thuja Occidentalis – मस्सों और स्किन टैग के लिए प्रचलित दवा
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Causticum – त्वचा की गाँठों और स्किन टैग में उपयोगी
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Nitric Acid – जब टैग में जलन हो रही हो
इनका सेवन बिना विशेषज्ञ की सलाह के नहीं करना चाहिए। होम्योपैथी शरीर के भीतर से असंतुलन को ठीक करने की कोशिश करता है ताकि दोबारा समस्या न हो।
स्किन टैग के लिए घरेलू नुस्खे (Gharelu Nuskhe)
अगर आप स्किन टैग से छुटकारा पाना चाहते हैं लेकिन डॉक्टर के पास नहीं जाना चाहते, तो कुछ घरेलू उपाय भी लाभदायक हो सकते हैं। जैसे कि लहसुन का रस स्किन टैग पर लगाने से वह धीरे-धीरे सूख सकता है। सेब का सिरका भी एक लोकप्रिय घरेलू उपाय है, जिसे रूई में भिगोकर स्किन टैग पर लगाया जाता है। इससे टैग धीरे-धीरे काला होकर गिर सकता है। टी ट्री ऑयल और बेकिंग सोडा जैसे प्राकृतिक तत्व भी त्वचा पर लगाने से लाभकारी हो सकते हैं।
हालांकि, इन उपायों में समय लगता है और हर व्यक्ति की त्वचा पर असर अलग होता है। किसी भी घरेलू उपाय को अपनाने से पहले एक पैच टेस्ट जरूर करें।
⚠️ ध्यान दें: अगर जलन या एलर्जी हो तो तुरंत इस्तेमाल बंद करें।
कब डॉक्टर को दिखाना चाहिए?
यदि स्किन टैग अचानक आकार में बढ़ने लगे, उसमें से खून या मवाद निकलने लगे, उसमें जलन या दर्द हो, या वह बार-बार किसी कपड़े या गहने से रगड़ खा रहा हो, तो डॉक्टर से मिलना ज़रूरी हो जाता है। अगर टैग चेहरे, आँखों के पास या प्राइवेट हिस्सों में हो, तो खुद से इलाज करने की बजाय विशेषज्ञ की सलाह लेना अधिक समझदारी होगी।
स्किन टैग को रोकने के उपाय
निष्कर्ष (Conclusion):
स्किन टैग एक आम और साधारण सी समस्या है जो दिखने में थोड़ी परेशान कर सकती है लेकिन ज्यादातर मामलों में हानिरहित होती है। अगर ये बहुत ज़्यादा बढ़ जाएँ, दर्द देने लगें या सौंदर्य पर असर डालें, तो घरेलू उपाय, आयुर्वेद या डॉक्टर की सलाह लेकर इन्हें आसानी से हटाया जा सकता है।