हर विवाहित दंपती का सपना होता है कि वह एक स्वस्थ और खुशहाल संतान का स्वागत करे। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि प्रयासों के बावजूद गर्भधारण नहीं हो पाता या उसमें लगातार देरी होती है। यह स्थिति न केवल शारीरिक चिंता का कारण बनती है, बल्कि मानसिक और सामाजिक दबाव भी बढ़ाती है।
गर्भधारण में देरी आजकल बहुत सामान्य हो गई है। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं – हार्मोनल असंतुलन, जीवनशैली की गड़बड़ियाँ, मेडिकल समस्याएं या पुरुष और महिला दोनों से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याएं।
लेकिन सबसे ज़रूरी बात यह जानना है कि कब यह “सामान्य देरी” है और कब आपको डॉक्टर से मिलना चाहिए।
इस ब्लॉग में हम इसी विषय पर विस्तार से चर्चा करेंगे कि गर्भधारण में देरी क्यों होती है, इसके कारण क्या हैं, किन लक्षणों पर ध्यान देना ज़रूरी है और किस समय विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए।
-
गर्भधारण में देरी: सामान्य या चिंताजनक?
हर दंपती की प्रजनन क्षमता (fertility) अलग-अलग होती है। सामान्यतः अगर कोई स्वस्थ जोड़ा नियमित रूप से असुरक्षित यौन संबंध बना रहा है और फिर भी 12 महीनों तक गर्भधारण नहीं हो पा रहा, तो यह इनफर्टिलिटी (वंध्यता) की श्रेणी में आता है।
अगर महिला की उम्र 35 वर्ष से अधिक है, तो यह अवधि 6 महीने मानी जाती है। उम्र के साथ महिलाओं की फर्टिलिटी तेजी से घटती है, इसलिए देरी को हल्के में नहीं लेना चाहिए।
-
गर्भधारण में देरी के संभावित कारण
गर्भधारण में देरी के कई संभावित कारण हो सकते हैं, जो महिला या पुरुष दोनों से संबंधित हो सकते हैं। कुछ प्रमुख कारण नीचे दिए गए हैं:
🔹 महिलाओं से संबंधित कारण:
- पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) – अनियमित पीरियड्स और ओव्यूलेशन न होना।
- एंडोमेट्रिओसिस – गर्भाशय की लाइनिंग का असामान्य विकास।
- फॉलोपियन ट्यूब ब्लॉकेज – अंडाणु और शुक्राणु का मिलना बाधित होता है।
- हार्मोनल असंतुलन – थायरॉइड, प्रोलैक्टिन आदि।
- मोटापा या बहुत कम वजन
🔹 पुरुषों से संबंधित कारण:
- शुक्राणुओं की कम संख्या या गतिशीलता
- वेरिकॉसील (Varicocele) – अंडकोष की नसों में सूजन
- सेक्सुअल डिस्फंक्शन
- अत्यधिक शराब, धूम्रपान या नशा
🔹 जीवनशैली और बाहरी कारण:
- अत्यधिक तनाव
- नींद की कमी
- जंक फूड और पोषक तत्वों की कमी
- देर से विवाह और देर से संतान की योजना
-
कब डॉक्टर से मिलना ज़रूरी है?
यदि नीचे दी गई स्थितियाँ आपके जीवन में आ रही हैं, तो आपको गाइनैकोलॉजिस्ट या इनफर्टिलिटी स्पेशलिस्ट से संपर्क करना चाहिए:
- महिला की उम्र 35 से अधिक है और 6 महीने से गर्भधारण नहीं हो रहा।
- उम्र 35 से कम है और 1 साल प्रयास के बाद भी गर्भधारण नहीं हुआ।
- अनियमित पीरियड्स, अत्यधिक दर्द, या बहुत कम ब्लीडिंग होती है।
- पहले कभी गर्भपात (miscarriage) हो चुका हो।
- पुरुष में सेक्स संबंधित समस्याएं हों या अंडकोष में दर्द या सूजन हो।
- पहले कोई बड़ा ऑपरेशन, संक्रमण या इलाज हुआ हो जो फर्टिलिटी को प्रभावित करता हो।
-
डॉक्टर से मिलने पर क्या होता है?
इनफर्टिलिटी स्पेशलिस्ट सबसे पहले आपकी और आपके पार्टनर की पूरी मेडिकल हिस्ट्री लेंगे। फिर वे कुछ जरूरी जांचें करवाते हैं:
🔸 महिलाओं के लिए:
- अल्ट्रासाउंड – ओवरी और यूटेरस की स्थिति जानने के लिए
- ओव्यूलेशन ट्रैकिंग
- हार्मोनल जांच – थायरॉइड, FSH, LH, प्रोलैक्टिन
- HSG टेस्ट – फॉलोपियन ट्यूब की स्थिति
🔸 पुरुषों के लिए:
- स्पर्म एनालिसिस – शुक्राणुओं की संख्या, आकार और गति जांचना
- हार्मोन जांच और स्क्रोटल अल्ट्रासाउंड
इन जांचों के आधार पर डॉक्टर उपचार की योजना बनाते हैं।
-
गर्भधारण में देरी के लिए संभावित उपचार
सही समय पर इलाज शुरू करना गर्भधारण के अवसर को बढ़ा देता है। कुछ सामान्य उपचार:
- दवाओं द्वारा ओव्यूलेशन को नियंत्रित करना
- IUI (Intrauterine Insemination) – शुक्राणुओं को सीधे गर्भाशय में पहुंचाना
- IVF (In-Vitro Fertilization) – अंडाणु और शुक्राणु को शरीर के बाहर मिलाकर भ्रूण बनाना
- हार्मोनल थैरेपी या सर्जरी – यदि एंडोमेट्रिओसिस या ब्लॉकेज है
निष्कर्ष:
गर्भधारण में देरी आजकल सामान्य हो गई है, लेकिन इसे हल्के में लेना एक बड़ी भूल हो सकती है। शरीर संकेत देता है – बस ज़रूरत है समय पर पहचान कर कदम उठाने की। यदि आपको पीरियड्स में अनियमितता, दर्द, या लंबे समय तक गर्भधारण में कठिनाई हो रही है, तो डॉक्टर से मिलना टालें नहीं।
सही समय पर परामर्श, जांच और उपचार से मातृत्व का सपना सच हो सकता है। साथ ही, स्वस्थ जीवनशैली और मानसिक शांति भी गर्भधारण में सहायक साबित होती है।