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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस विशेष – महिला स्वास्थ्य एवं समस्याएँ

आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस है। और आज के दिन ये जरूरी होता है कि हम मिल कर महिलाओं के स्वास्थ्य पर बात करें। महिलाओं का स्वास्थ्य सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया भर में चिंता का विषय है और इसका मुख्य कारण है “झिझक”.

जब तक बिमारी बढ़ नहीं जाती, कोई भी महिला उस पर ध्यान नहीं देती और अपने रोजमर्रा के कामों में व्यस्त रहती है. आज हम जानेंगे के वो कौन सी दिक्कत है जिनकी वजह से महिलाओ की छोटी सी बीमारी एक गंभीर रूप ले सकती है।

महिलाओं का स्वास्थ्य कई कारणों से अत्यंत महत्वपूर्ण है:

प्रजनन स्वास्थ्य: महिलाओं के स्वास्थ्य में गर्भावस्था, प्रसव और प्रसवोत्तर देखभाल सहित प्रजनन स्वास्थ्य के विभिन्न पहलू शामिल हैं।

मानसिक स्वास्थ्य: इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में हम महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य की बात ही नहीं करते और इस बात से बिल्कुल अंजान बने रहते हैं के परिवार और जीवन का ताल मेल बैठते हैं और उनकी मानसिक स्थिति कब खराब होती है।।

हार्मोनल स्वास्थ्य: महिलाएं अपने पूरे जीवन में हार्मोनल उतार-चढ़ाव का अनुभव करती हैं, जिसमें यौवन, मासिक धर्म, गर्भावस्था और रजोनिवृत्ति शामिल हैं। हार्मोनल असंतुलन मूड, ऊर्जा स्तर और प्रजनन कार्य सहित स्वास्थ्य के विभिन्न पहलुओं को प्रभावित कर सकता है।

पुरानी स्थितियाँ: महिलाओं में कुछ पुरानी स्वास्थ्य स्थितियाँ, जैसे चर्म रोग, हड्डी, जोड़ों, माँसपेशियों के विकार और थायरॉयड जैसी बिमारी विकसित होने का खतरा अधिक होता है। लंबे समय तक स्वास्थ्य और जीवन की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए इन स्थितियों को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करना महत्वपूर्ण है।

 

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