कभी-कभी हम सभी ने यह अनुभव किया होगा कि अचानक से हाथ या पैर सुन्न (numb) हो जाते हैं — जैसे कि उनमें जान नहीं है या झुनझुनी सी महसूस होती है। आमतौर पर यह स्थिति कुछ देर बाद सामान्य हो जाती है और इसे हम अनदेखा कर देते हैं। लेकिन अगर यह समस्या बार-बार हो रही है या लंबे समय तक बनी रहती है, तो यह किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकती है।
हाथ-पैरों का सुन्न हो जाना केवल नसों पर दबाव पड़ने से नहीं होता, बल्कि यह शरीर के अंदर चल रही कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं की ओर इशारा कर सकता है। इस लेख में हम जानेंगे कि यह स्थिति किन बीमारियों के लक्षण हो सकते हैं, इसके प्रमुख कारण क्या हैं, किन बातों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और इससे कैसे बचाव किया जा सकता है।
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न्यूरोपैथी (Neuropathy): जब नसों में होती है परेशानी
न्यूरोपैथी यानी नसों की बीमारी, हाथ-पैरों के सुन्न होने की सबसे आम वजहों में से एक है। जब शरीर की नर्व्स ठीक से काम नहीं करतीं तो संबंधित अंगों में झुनझुनी, जलन, सुन्नपन या कमजोरी महसूस होने लगती है।
मुख्य कारण:
- डायबिटीज (मधुमेह)
- शराब का अत्यधिक सेवन
- विटामिन B12 की कमी
- कुछ दवाओं के साइड इफेक्ट
- संक्रमण या चोट
लक्षण:
- हाथ या पैरों में झुनझुनी
- जलन या चुभन जैसा अनुभव
- मांसपेशियों में कमजोरी
- किसी चीज को पकड़ने या महसूस करने में दिक्कत
उपाय:
डायबिटीज को नियंत्रण में रखें, विटामिन सप्लीमेंट लें और डॉक्टर से नियमित जांच कराएं।
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डायबिटिक न्यूरोपैथी: मधुमेह से जुड़ी गंभीर स्थिति
यदि आप मधुमेह के मरीज हैं और आपके हाथ-पैर बार-बार सुन्न हो रहे हैं, तो यह डायबिटिक न्यूरोपैथी हो सकता है। यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब ब्लड शुगर का स्तर लंबे समय तक अधिक बना रहता है, जिससे नसों को नुकसान पहुंचता है।
लक्षण:
- रात में ज्यादा झुनझुनी
- पैरों के तलवों में जलन
- छूने पर दर्द या चुभन
- संतुलन खोना
बचाव के उपाय:
- ब्लड शुगर की नियमित जांच करें
- हेल्दी डाइट और एक्सरसाइज को अपनाएं
- डॉक्टर के परामर्श से दवाएं लें
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सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस और स्पाइनल प्रॉब्लम्स
रीढ़ की हड्डी (spine) या गर्दन की नसों पर दबाव पड़ने से भी हाथ-पैर सुन्न हो सकते हैं। सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस या स्लिप डिस्क की स्थिति में यह आमतौर पर देखा जाता है।
कैसे होता है यह असर?
गर्दन की नसें जब दबती हैं, तो हाथों में जाने वाले संकेत सही ढंग से नहीं पहुंचते, जिससे हाथों में सुन्नपन या कमजोरी महसूस होती है। पीठ की नसों पर दबाव पड़ने से पैरों में यही स्थिति होती है।
लक्षण:
- गर्दन या पीठ में दर्द
- हाथ-पैरों में कमजोरी
- चलने में असहजता
- लंबे समय तक एक ही अवस्था में बैठने से सुन्नपन
उपाय:
फिजियोथेरेपी, नियमित एक्सरसाइज और सही पोश्चर बनाए रखना जरूरी है। जरूरत पड़ने पर सर्जरी की सलाह भी दी जा सकती है।
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विटामिन की कमी: खासकर B12 और D की कमी
हाथ-पैरों का सुन्न होना कभी-कभी शरीर में पोषक तत्वों की कमी का भी संकेत हो सकता है, विशेषकर विटामिन B12 और विटामिन D की कमी। B12 की कमी नसों की कार्यप्रणाली को प्रभावित करती है और D की कमी मांसपेशियों को कमजोर बनाती है।
लक्षण:
- थकान
- हाथ-पैरों में झुनझुनी
- स्मरण शक्ति में कमी
- चक्कर आना
बचाव के उपाय:
- हरी पत्तेदार सब्जियां, अंडे, दूध, पनीर आदि का सेवन करें
- डॉक्टर की सलाह पर विटामिन सप्लीमेंट लें
- समय-समय पर ब्लड टेस्ट करवाएं
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स्ट्रोक या माइग्रेन का संकेत भी हो सकता है
कभी-कभी हाथ-पैरों का अचानक सुन्न हो जाना स्ट्रोक (लकवा) या माइग्रेन का भी प्रारंभिक लक्षण हो सकता है। अगर सुन्नपन के साथ बोलने में दिक्कत, धुंधला दिखना या चेहरे के एक हिस्से में कमजोरी महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं।
लक्षण जो चेतावनी देते हैं:
- शरीर के एक तरफ सुन्नपन
- चेहरे की मांसपेशियों का ढीला पड़ना
- बोलने में अटकाव
- बेहोशी या भ्रम की स्थिति
क्या करें?
ऐसे लक्षण दिखते ही तुरंत अस्पताल जाएं, क्योंकि स्ट्रोक का इलाज समय पर न हो तो गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
निष्कर्ष
हाथ-पैरों का बार-बार या लंबे समय तक सुन्न होना सिर्फ एक अस्थायी समस्या नहीं है। यह किसी गंभीर बीमारी की ओर इशारा कर सकता है, जैसे कि न्यूरोपैथी, डायबिटीज, विटामिन की कमी या स्पाइनल प्रॉब्लम। समय पर पहचान और उपचार से आप बड़ी स्वास्थ्य समस्याओं से बच सकते हैं।
यदि आपको यह समस्या बार-बार होती है, तो इसे हल्के में न लें। डॉक्टर से परामर्श लें, जांच कराएं और कारण का पता लगाकर इलाज शुरू करें। याद रखें, सतर्कता ही सबसे अच्छा इलाज है।
स्वस्थ रहें, सजग रहें!