Breaking News

आज की तेज़ रफ्तार जीवनशैली, असंतुलित खानपान और शारीरिक निष्क्रियता के कारण डायबिटीज़ यानी मधुमेह एक सामान्य लेकिन गंभीर स्वास्थ्य समस्या बनती जा रही है। जब शरीर में ब्लड शुगर यानी रक्त शर्करा का स्तर सामान्य से अधिक बढ़ जाता है, तो यह केवल एक संख्या नहीं होती — यह शरीर के कई महत्वपूर्ण अंगों को प्रभावित कर सकता है। लंबे समय तक हाई ब्लड शुगर बना रहना शरीर के विभिन्न अंगों को नुकसान पहुँचा सकता है, जिससे कई जटिलताएँ उत्पन्न होती हैं।

इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि जब ब्लड शुगर का स्तर बढ़ता है तो उसका शरीर के किन-किन अंगों पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ता है, और कैसे यह एक गंभीर स्वास्थ्य खतरा बन सकता है।

  1. हृदय और रक्तवाहिनियाँ (Heart and Blood Vessels)

उच्च रक्त शर्करा का सबसे बड़ा प्रभाव हृदय और रक्त प्रणाली पर देखा जाता है। डायबिटीज़ हृदय रोग का एक मुख्य कारण मानी जाती है। जब ब्लड शुगर बढ़ता है, तो यह रक्त वाहिकाओं की अंदरूनी परत (endothelium) को नुकसान पहुँचाता है। इससे रक्त प्रवाह में बाधा उत्पन्न होती है और धमनियों में प्लाक बनने लगता है, जिससे धमनियों का सख्त होना (Atherosclerosis) हो सकता है।

इसके कारण व्यक्ति को हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। कई डायबिटिक रोगियों की मृत्यु का कारण हृदय रोग ही होता है, इसलिए इस पर विशेष ध्यान देना जरूरी है।

  1. गुर्दे (Kidneys)

ब्लड शुगर का लगातार बढ़ा रहना नेफ्रोपैथी यानी किडनी की बीमारी का कारण बन सकता है। गुर्दे हमारे शरीर से अपशिष्ट पदार्थों को फिल्टर करने का कार्य करते हैं। हाई ब्लड शुगर से किडनी की छोटी-छोटी रक्त वाहिकाएं क्षतिग्रस्त हो जाती हैं, जिससे किडनी अपना कार्य ठीक से नहीं कर पाती।

यह स्थिति धीरे-धीरे किडनी फेल्योर तक जा सकती है, और मरीज को डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट की ज़रूरत पड़ सकती है। डायबिटिक मरीजों को नियमित रूप से किडनी फंक्शन टेस्ट करवाना चाहिए।

  1. आँखें (Eyes)

डायबिटीज़ आँखों को भी गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है। इसे डायबिटिक रेटिनोपैथी कहा जाता है, जिसमें आंखों की रेटिना की रक्त वाहिकाएं क्षतिग्रस्त हो जाती हैं।

शुरुआत में यह समस्या बिना लक्षणों के होती है, लेकिन धीरे-धीरे यह धुंधला दिखना, आंखों में दर्द और अंततः अंधेपन तक ले जा सकती है। इसके अलावा ग्लूकोमा और मोतियाबिंद (Cataract) जैसी समस्याएं भी डायबिटीज़ के कारण हो सकती हैं।

  1. तंत्रिका तंत्र (Nervous System)

ब्लड शुगर के बढ़ने से तंत्रिकाओं को भी नुकसान होता है जिसे डायबिटिक न्यूरोपैथी कहा जाता है। इससे हाथों, पैरों, उंगलियों और अंगूठों में झुनझुनी, सुन्नपन या तेज दर्द हो सकता है।

यह समस्या धीरे-धीरे बढ़ती है और व्यक्ति को चलने-फिरने में दिक्कत होने लगती है। कई बार इसका असर पाचन तंत्र, मूत्राशय और यहां तक कि यौन क्षमता पर भी पड़ता है, क्योंकि ये सब तंत्रिका प्रणाली द्वारा नियंत्रित होते हैं।

  1. त्वचा और पैरों पर प्रभाव (Skin and Feet Problems)

डायबिटीज़ के कारण पैरों में रक्त संचार कम हो सकता है और साथ ही त्वचा की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी घट जाती है। नतीजा यह होता है कि पैरों पर कट या घाव हो जाए तो वह जल्दी भरता नहीं और संक्रमण बढ़ सकता है।

इस स्थिति को डायबिटिक फुट कहा जाता है, और गंभीर मामलों में पैर काटने (अंप्यूटेशन) की नौबत भी आ सकती है। इसके अलावा त्वचा में खुजली, फोड़े-फुंसी, फंगल इंफेक्शन आदि भी आम हो जाते हैं।

निष्कर्ष (Conclusion):

ब्लड शुगर का बढ़ना कोई साधारण समस्या नहीं है। यह शरीर के लगभग हर मुख्य अंग पर प्रभाव डाल सकता है और यदि समय रहते नियंत्रण न किया जाए तो जानलेवा भी साबित हो सकता है। हृदय, किडनी, आंखें, तंत्रिकाएं और त्वचा — सभी अंग किसी न किसी रूप में इसकी चपेट में आ सकते हैं।

इसलिए जरूरी है कि:

  • समय-समय पर ब्लड शुगर की जांच करवाई जाए,
  • संतुलित आहार लिया जाए,
  • नियमित व्यायाम किया जाए,
  • तनाव से बचा जाए और
  • डॉक्टर की सलाह पर दवाइयों का सेवन किया जाए।

स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर और समय रहते जागरूकता बरतकर हम ब्लड शुगर के दुष्प्रभावों से अपने शरीर के महत्वपूर्ण अंगों की रक्षा कर सकते हैं।

अगर आपको यह जानकारी उपयोगी लगी हो, तो इसे अपने दोस्तों और परिवारजनों के साथ साझा करें और अपनी सेहत को लेकर सतर्क रहें।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *