गर्मी का मौसम बच्चों के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है, खासकर उन बच्चों के लिए जो रोजाना स्कूल जाते हैं। चिलचिलाती धूप, गर्म हवाएं (लू) और शरीर में पानी की कमी (डिहाइड्रेशन) बच्चों के स्वास्थ्य पर सीधा असर डालती है। गर्मी के कारण सिरदर्द, थकावट, चक्कर आना, त्वचा पर रैशेज, हीट स्ट्रोक जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं। छोटे बच्चों का शरीर इन जलवायु परिवर्तनों को सहन नहीं कर पाता, जिससे उनकी तबीयत खराब होने की आशंका बढ़ जाती है।
ऐसे में माता-पिता की जिम्मेदारी बनती है कि वे बच्चों को गर्मी के असर से बचाने के लिए आवश्यक उपाय करें। इस ब्लॉग में हम आपको कुछ ऐसे जरूरी और कारगर सुझाव देंगे, जिनकी मदद से आप अपने बच्चों को गर्मियों के मौसम में स्वस्थ और सुरक्षित रख सकते हैं।
- सही कपड़ों का चुनाव करें
गर्मी के मौसम में बच्चों के कपड़े हल्के, ढीले और सूती होने चाहिए। कॉटन के कपड़े पसीना सोखते हैं और शरीर को ठंडा बनाए रखते हैं।
क्या करें:
- हल्के रंगों वाले कपड़े पहनाएं (जैसे सफेद, हल्का नीला, गुलाबी)
- सिर पर टोपी या कैप जरूर पहनाएं
- धूप से बचाव के लिए छाता या स्कार्फ दें
क्या न करें:
- टाइट या सिंथेटिक कपड़े पहनने से बचाएं
- काले या गहरे रंग के कपड़े न पहनाएं क्योंकि ये गर्मी ज्यादा सोखते हैं
- भरपूर पानी और तरल पदार्थ दें
गर्मी के मौसम में शरीर से पसीने के रूप में पानी बाहर निकलता है, जिससे बच्चों में डिहाइड्रेशन का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए उन्हें नियमित रूप से पानी और तरल पदार्थ देते रहें।
क्या दें:
- हर दिन 6-8 गिलास पानी
- घर का बना नींबू पानी, छाछ, नारियल पानी
- ताजे फल जैसे तरबूज, खीरा, ककड़ी, संतरा
टिप: बच्चों के स्कूल बैग में एक बड़ी पानी की बोतल जरूर दें और उन्हें समय-समय पर पानी पीने की आदत डालें।
- टिफिन में दें हल्का और पौष्टिक भोजन
गर्मी के मौसम में पाचन क्रिया धीमी हो जाती है, इसलिए भारी या मसालेदार भोजन से बचना चाहिए। बच्चों के टिफिन में ऐसा खाना दें जो आसानी से पच जाए और ऊर्जा भी दे।
उपयुक्त विकल्प:
- सब्जी के साथ रोटी और दही
- इडली-सांभर, उपमा, पोहा
- ताजे फल और सलाद
- पुदीने या धनिये की चटनी
बचें: तले-भुने, बासी या बहुत तीखे खाद्य पदार्थों से, क्योंकि ये गर्मी में एसिडिटी और गैस की समस्या बढ़ा सकते हैं।
- स्किन प्रोटेक्शन और सफाई का ध्यान रखें
बच्चों की त्वचा नाजुक होती है, इसलिए उन्हें सूर्य की किरणों से बचाना बेहद जरूरी है। तेज धूप के कारण सनबर्न, स्किन रैशेज और एलर्जी हो सकती है।
क्या करें:
- बच्चों को धूप में बाहर निकलने से पहले सनस्क्रीन लगाएं (कम से कम SPF 30)
- चेहरे, हाथ और पैरों को हल्के कपड़ों से ढकें
- स्कूल से लौटने के बाद गुनगुने पानी से स्नान करवाएं
स्वच्छता भी जरूरी है:
बच्चों को दिन में दो बार स्नान करने की आदत डालें, जिससे पसीने और धूल की वजह से होने वाले संक्रमण से बचाव हो सके।
- बच्चों के खेलने के समय और जगह का रखें ध्यान
गर्मी में दोपहर के समय धूप तेज होती है, इसलिए बच्चों को इस समय बाहर खेलने से रोकें। अगर खेलने की अनुमति दें भी तो सुबह या शाम के समय ही दें।
बचाव के तरीके:
- बच्चों को 11 बजे से 4 बजे के बीच धूप में न भेजें
- खेलने के लिए छायादार या इनडोर जगह चुनें
- खेलने के बाद उन्हें ठंडे पेय या ताजे फलों का जूस दें
- स्कूल प्रशासन से भी रखें संपर्क
अगर मौसम अत्यधिक गर्म हो गया है, तो स्कूल प्रशासन से बात कर यह सुनिश्चित करें कि:
- कक्षा में पंखे या कूलर चालू हों
- बच्चों को नियमित पानी पीने की अनुमति हो
- कोई बच्चा बीमार हो तो तुरंत परिजनों को सूचना दी जाए
कुछ स्कूल गर्मी की छुट्टियां देर से देते हैं, ऐसे में माता-पिता को विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत होती है।
निष्कर्ष: गर्मी से सावधानी ही सबसे बड़ा बचाव
गर्मी का मौसम बच्चों के लिए असहज हो सकता है, लेकिन थोड़ी सी सावधानी और जागरूकता से उन्हें सुरक्षित और स्वस्थ रखा जा सकता है। सही कपड़े, संतुलित भोजन, भरपूर पानी और समय पर आराम देने से बच्चों की गर्मी में सहनशक्ति बढ़ती है। साथ ही माता-पिता और स्कूल मिलकर बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं।
याद रखें, बच्चों की देखभाल केवल प्यार से नहीं, समझदारी से भी करनी होती है। इस गर्मी अपने नन्हे सितारों को गर्म हवाओं से बचाइए, ताकि वे खुशी और ऊर्जा के साथ आगे बढ़ सकें।
स्वस्थ बच्चे, खुशहाल भविष्य।