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साबूदाना (Sago) एक बेहद हल्का, सुपाच्य और एनर्जी से भरपूर भोजन है जो बच्चों के लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। यह विशेष रूप से उन बच्चों के लिए उपयोगी है जिन्हें सॉलिड फूड में धीरे-धीरे ढालना होता है।

किस उम्र से शुरू करें साबूदाना?

साबुदाना खिचड़ी आप बच्चे को 6 महीने की उम्र के बाद देना शुरू कर सकते हैं, जब वह सॉलिड फूड खाना शुरू करता है।

हालांकि शुरुआत में साबुदाने को पानी में पकाकर पतला दलिया (पोरीज) के रूप में देना चाहिए।

8 से 9 महीने के बाद आप हल्की, माश की गई खिचड़ी दे सकते हैं।

1 साल की उम्र के बाद बच्चे साबूदाना खिचड़ी को छोटे टुकड़ों में चबाकर आराम से खा सकते हैं।

बच्चों के लिए साबुदाने की खिचड़ी के फायदे

  1.ऊर्जा का अच्छा स्रोत:

साबुदाने में कार्बोहाइड्रेट अधिक मात्रा में होता है, जो बच्चों को तुरंत ऊर्जा देने में मदद करता है।

  2.पचाने में आसान:

यह सुपाच्य होता है और पेट पर ज़्यादा दबाव नहीं डालता, इसलिए बीमार या कमज़ोर बच्चों को दिया जा सकता है।

  3.वजन बढ़ाने में सहायक:

जिन बच्चों का वजन कम है, उनके लिए साबुदाना एक उपयोगी आहार हो सकता है क्योंकि इसमें कैलोरी अधिक होती है।

  4.गर्मियों में ठंडक देने वाला:

आयुर्वेद में साबूदाना को शीतल आहार माना गया है जो शरीर को ठंडा रखता है।

  5.लस (Gluten) मुक्त:

जो बच्चे ग्लूटन इंटॉलरेंट हैं, उनके लिए साबुदाना एक सुरक्षित और पौष्टिक विकल्प है।

साबुदाना का पोषण मूल्य (Nutrition Value per 100g, अनुमानित):

तत्व मात्रा
कैलोरी 350 kcal
कार्बोहाइड्रेट 85-88 g
प्रोटीन 0.2-0.5 g
वसा 0.1-0.2 g
फाइबर 0.9 g
कैल्शियम 10 mg
आयरन 1.2 mg
मैग्नीशियम 1-2 mg

ध्यान दें: साबुदाने में प्रोटीन और विटामिन कम मात्रा में होते हैं, इसलिए इसे अन्य पोषक चीज़ों के साथ मिलाकर देना बेहतर होता है।

बच्चों के लिए साबुदाना खिचड़ी कैसे बनाएं?

सामग्री:

• साबुदाना – 2 टेबलस्पून (3-4 घंटे भिगोया हुआ)

• घी – ½ टीस्पून

• उबला और माश किया हुआ आलू – 1 छोटा चम्मच (वैकल्पिक)

• जीरा (हल्का भुना हुआ, वैकल्पिक) – 1 चुटकी

• सेंधा नमक (अगर बच्चा 1 साल से ऊपर है)

• पानी – आवश्यकतानुसार

विधि:

  1. साबुदाने को अच्छे से धोकर भिगो लें जब तक वह फूल न जाएं।
  2. एक पैन में थोड़ा घी गरम करें और उसमें भिगोया हुआ साबुदाना डालें।
  3. उसमें थोड़ा पानी डालकर धीमी आंच पर पकाएं जब तक वह पारदर्शी और नरम न हो जाए।
  4. आप चाहे तो थोड़ा सा आलू या गाजर मिला सकते हैं (9 महीने के बाद)।
  5. एक साल से छोटे बच्चों के लिए बिना नमक या मसाले के दें।
  6. थोड़ा ठंडा करके बच्चे को खिलाएं।

बच्चों के लिए साबुदाना खिचड़ी बनाते समय ध्यान देने योग्य बातें

1. अच्छी तरह भिगोएं:

साबूदाना सही से न भिगोया गया हो तो वह चिपचिपा और पचाने में कठिन हो सकता है।

2. हल्के मसाले रखें:

छोटे बच्चों के लिए मसाले न डालें या बहुत हल्का जीरा ही उपयोग करें।

3. तेज़ी से न बढ़ाएं मात्रा:

धीरे-धीरे शुरुआत करें, एक बार में 1-2 चम्मच ही दें और देखें कि कोई एलर्जी या पाचन की समस्या तो नहीं हो रही।

4. ताज़ा बनाकर ही दें:

साबुदाने की खिचड़ी ताज़ा बनी होनी चाहिए। बासी खाने से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।

5. पौष्टिकता बढ़ाएं:

जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता है, आप इसमें पकी हुई गाजर, पालक, पनीर या मूंग दाल मिलाकर इसकी पौष्टिकता बढ़ा सकते हैं।

निष्कर्ष

साबूदाना खिचड़ी बच्चों के लिए एक हल्का, स्वादिष्ट और ऊर्जा से भरपूर भोजन है जिसे सही उम्र और मात्रा में देकर बच्चे के विकास को सहयोग किया जा सकता है। खासकर गर्मियों में यह एक सुरक्षित और ठंडक देने वाला विकल्प है। लेकिन हमेशा यह ध्यान रखें कि भोजन ताज़ा हो, धीरे-धीरे शुरू किया जाए और अन्य पोषक आहारों के साथ संतुलन बना कर दिया जाए।

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