भारतीय रसोई में सब्जियों की भरमार होती है, लेकिन कुछ ऐसी सब्जियाँ हैं जो सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होने के बावजूद हमारी थाली से गायब रहती हैं। सहजन ‘Drumstick’ (जिसे मोरिंगा भी कहा जाता है) ऐसी ही एक सब्जी है, जो पोषक तत्वों का खजाना होते हुए भी अक्सर नजरअंदाज कर दी जाती है। सहजन के डंठल, पत्ते, बीज और यहां तक कि फूल तक औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं।
आयुर्वेद से लेकर आधुनिक विज्ञान तक, हर जगह सहजन को ‘सुपरफूड’ की तरह माना गया है। आज हम इस लेख में जानेंगे कि सहजन क्यों खास है, इसके कौन-कौन से भाग उपयोगी हैं, इसके क्या-क्या फायदे हैं, और इसे अपने आहार में कैसे शामिल किया जा सकता है।
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सहजन के पोषण तत्व: एक संपूर्ण सुपरफूड
सहजन को “पोषण का पावरहाउस” कहा जाता है क्योंकि इसमें कई आवश्यक विटामिन्स और मिनरल्स होते हैं। इसमें विशेष रूप से निम्नलिखित पोषक तत्व पाए जाते हैं:
- विटामिन A, C, और E
- कैल्शियम और आयरन
- प्रोटीन और फाइबर
- पोटैशियम और मैग्नीशियम
सहजन की पत्तियों में दूध से अधिक कैल्शियम, केले से ज्यादा पोटैशियम और संतरे से अधिक विटामिन C पाया जाता है। यह शरीर को पोषण देने के साथ-साथ रोगों से लड़ने की ताकत भी देता है।
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इम्युनिटी बढ़ाने में सहजन की भूमिका
कोरोना महामारी के बाद से इम्युनिटी शब्द हर किसी की जुबान पर आ गया है। सहजन में मौजूद विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। यह शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालता है और कोशिकाओं को स्वस्थ रखता है।
पत्तियों और डंठलों का नियमित सेवन वायरल संक्रमण, सर्दी-जुकाम और मौसमी बीमारियों से बचाने में मदद करता है। सहजन के सेवन से शरीर की प्राकृतिक सुरक्षा प्रणाली मजबूत होती है।
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डायबिटीज और ब्लड प्रेशर में फायदेमंद
सहजन ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में सहायक होता है। शोधों में पाया गया है कि सहजन की पत्तियों और बीजों में ऐसे यौगिक होते हैं जो इंसुलिन को बेहतर तरीके से कार्य करने में मदद करते हैं।
इसके साथ ही, सहजन में पाया जाने वाला पोटैशियम ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है। यह धमनियों को रिलैक्स करता है, जिससे रक्त संचार बेहतर होता है और दिल पर तनाव कम पड़ता है।
इसलिए सहजन हृदय रोगियों और डायबिटीज से जूझ रहे लोगों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है।
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पाचन तंत्र और वजन घटाने में मददगार
सहजन में मौजूद फाइबर और डिटॉक्सिफाइंग गुण पाचन तंत्र को स्वस्थ बनाए रखने में सहायक हैं। यह कब्ज, गैस और अपच जैसी समस्याओं को दूर करने में मदद करता है।
साथ ही, सहजन में फैट और कैलोरी की मात्रा कम होती है, जिससे यह वजन घटाने में भी मदद करता है। यह भूख को नियंत्रित करता है और मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है, जिससे शरीर में अतिरिक्त चर्बी नहीं जमती।
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कैसे करें सहजन को अपने आहार में शामिल?
सहजन को कई तरीकों से अपने भोजन में शामिल किया जा सकता है:
- सहजन की सब्ज़ी: इसकी डंठलों से टमाटर और मसालों के साथ स्वादिष्ट सब्जी बनती है।
- सहजन का सूप: पत्तियों और डंठलों से बना सूप बेहद पौष्टिक होता है।
- सहजन की पत्तियों का पराठा: पत्तियों को आटे में मिलाकर स्वादिष्ट और हेल्दी पराठे बनाए जा सकते हैं।
- सहजन पाउडर: बाजार में उपलब्ध मोरिंगा पाउडर को स्मूदी, जूस या पानी में मिलाकर सेवन किया जा सकता है।
ध्यान रहे कि सहजन को अधिक मात्रा में कच्चा नहीं खाना चाहिए। इसे हल्का पका कर या उबाल कर उपयोग करना बेहतर होता है।
निष्कर्ष
सहजन वह अनमोल प्राकृतिक उपहार है, जिसे हम अक्सर उसकी सादगी के कारण नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन इसके पीछे छिपे पोषण और औषधीय गुण इसे सुपरफूड की श्रेणी में लाते हैं। सहजन न सिर्फ शरीर को पोषक तत्व देता है, बल्कि रोगों से लड़ने की क्षमता भी बढ़ाता है।
आज जब हर कोई स्वस्थ रहने के लिए आयुर्वेदिक और प्राकृतिक उपायों की तलाश में है, सहजन एक बेहतरीन विकल्प बन सकता है। अब समय आ गया है कि हम सहजन को अपनी थाली में वह स्थान दें, जिसका वह हकदार है।
तो अगली बार जब बाजार जाएं, सहजन को नजरअंदाज न करें — यह छोटी-सी सब्ज़ी बड़ी सेहत का राज छुपाए बैठी है।