बचपन में बार-बार गले में खराश, बुखार और निगलने में दर्द जैसी समस्याएं आम हैं। इन लक्षणों का एक बड़ा कारण टॉन्सिल की सूजन, जिसे चिकित्सकीय भाषा में टॉन्सिलाइटिस (Tonsillitis) कहा जाता है, हो सकता है। यह एक आम लेकिन उपेक्षित समस्या है, जिसे समय पर पहचान और इलाज न मिलने पर गंभीर जटिलताएं हो सकती हैं।
इस लेख में हम जानेंगे कि बच्चों में टॉन्सिल की सूजन क्यों होती है, किन मौसमों में यह ज्यादा बढ़ती है, क्या सावधानियां रखनी चाहिए, लक्षण क्या हैं, उपचार के तरीके कौन-से हैं, और कब डॉक्टर से मिलना जरूरी है।
🦠 टॉन्सिल क्या होते हैं?
टॉन्सिल गले के दोनों ओर मौजूद दो लसीका ग्रंथियां (lymph nodes) होती हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता का हिस्सा होती हैं। ये ग्रंथियां शरीर को बैक्टीरिया और वायरस से बचाने में सहायक होती हैं, लेकिन कभी-कभी ये स्वयं संक्रमण की चपेट में आ जाती हैं, जिससे टॉन्सिलाइटिस हो जाता है।
बच्चों में टॉन्सिल सूजने के कारण
बच्चों के टॉन्सिल सूजने के पीछे मुख्य रूप से दो कारण होते हैं:
- वायरल संक्रमण – यह सबसे आम कारण है। ठंड, फ्लू या वायरल बुखार से टॉन्सिल पर असर पड़ता है।
- बैक्टीरियल संक्रमण – इसमें सबसे सामान्य होता है “स्ट्रेप बैक्टीरिया” जो गले में खराश और बुखार पैदा करता है।
इसके अलावा और भी कारण हो सकते हैं:
- धूल और प्रदूषण में रहना
- बहुत ठंडा या बहुत गर्म मौसम
- गंदा पानी या खाना
- बार-बार ठंडी चीजें खाना, जैसे आइसक्रीम या ठंडा दूध
- कमजोर प्रतिरोधक क्षमता
किस मौसम में टॉन्सिल की समस्या ज्यादा होती है?
टॉन्सिल की सूजन सबसे ज्यादा ठंड के मौसम (सर्दी) में देखने को मिलती है। इस समय वायरस और बैक्टीरिया ज्यादा सक्रिय होते हैं और बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता भी थोड़ी कमजोर होती है। इसके अलावा मानसून में भी जब हवा में नमी अधिक होती है, तब संक्रमण फैलने का खतरा रहता है।
टॉन्सिल की सूजन को कैसे पहचानें?
बच्चों में टॉन्सिल सूजने पर कुछ सामान्य लक्षण दिखाई देते हैं:
- गले में दर्द या खराश
- निगलने में परेशानी
- गले में भारीपन या जलन
- बुखार (हल्का या तेज)
- मुँह खोलने में दिक्कत
- टॉन्सिल का लाल और बड़ा होना
- सांस की बदबू
- बच्चे का चिड़चिड़ा या सुस्त हो जाना
- कान में दर्द (कभी-कभी)
अगर टॉन्सिल पर सफेद या पीले धब्बे दिखें, तो यह गंभीर संक्रमण का संकेत हो सकता है।
बच्चों को टॉन्सिल से कैसे बचाएँ?
बचाव इलाज से बेहतर होता है। कुछ आसान उपायों से आप बच्चों को टॉन्सिल की समस्या से बचा सकते हैं:
- साफ-सफाई का ध्यान रखें – बच्चों को हाथ धोने की आदत डालें।
- ठंडी चीज़ों से बचाएँ – ज़रूरत से ज़्यादा आइसक्रीम, कोल्ड ड्रिंक न दें।
- गर्म पानी से गरारा – दिन में 1-2 बार हल्के गर्म पानी से गरारे कराना फायदेमंद होता है।
- मौसम का ध्यान रखें – सर्दियों में बच्चे को गर्म कपड़े पहनाएँ और बारिश में भीगने से बचाएँ।
- संतुलित आहार – फल, सब्जियाँ और घर का पौष्टिक खाना दें ताकि रोगों से लड़ने की ताकत बढ़े।
- धूल और धुएँ से दूर रखें – प्रदूषित जगहों पर न ले जाएँ।
टॉन्सिल की सूजन का इलाज कैसे करें?
इलाज इस बात पर निर्भर करता है कि संक्रमण वायरस से है या बैक्टीरिया से।
1. घरेलू इलाज (अगर समस्या हल्की हो)
- गर्म पानी में थोड़ा नमक डालकर गरारे कराना
- तुलसी, अदरक और शहद का काढ़ा देना
- गले को गर्म रखना
- हल्का और सुपाच्य खाना देना
- भरपूर आराम
2. दवाइयाँ
- अगर डॉक्टर को लगे कि संक्रमण बैक्टीरियल है, तो एंटीबायोटिक दी जाती है।
- बुखार या दर्द के लिए पैरासिटामोल या आईबुप्रोफेन जैसी दवाइयाँ दी जा सकती हैं।
- दवाइयाँ पूरी अवधि तक देना ज़रूरी है, बीच में बंद न करें।
3. सर्जरी (Tonsillectomy)
अगर बच्चा साल में 5-6 बार या उससे ज़्यादा टॉन्सिल की समस्या से जूझता है, या टॉन्सिल बहुत ज़्यादा बढ़ जाते हैं जिससे सांस लेने या खाना निगलने में परेशानी हो, तो डॉक्टर टॉन्सिल निकालने की सलाह दे सकते हैं। इसे टॉन्सिलेक्टोमी कहते हैं।
ठीक होने में कितना समय लगता है?
- अगर समस्या हल्की है और वायरस के कारण है, तो 5-7 दिनों में आराम मिल जाता है।
- अगर बैक्टीरियल संक्रमण है, तो 7-10 दिनों तक एंटीबायोटिक चल सकती है।
- घरेलू उपाय और आराम से शरीर जल्दी ठीक होता है।
डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
अगर नीचे दिए लक्षण दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें:
- तेज बुखार (102°F से ज़्यादा)
- सांस लेने में दिक्कत
- बच्चा खाना-पीना बिलकुल बंद कर दे
- गले में बहुत ज़्यादा सूजन या मुँह खोलने में कठिनाई
- टॉन्सिल पर सफेद या पीले धब्बे
- लगातार 4-5 दिन तक आराम न मिले
अगर टॉन्सिल का सही इलाज न हो तो क्या हो सकता है?
- बार-बार गला खराब होना
- टॉन्सिल का आकार बढ़कर सांस या खाने में रुकावट
- बुखार बार-बार आना
- गले में मवाद बन जाना (Tonsillar abscess)
- अन्य अंगों में संक्रमण फैल जाना (जैसे कि दिल, किडनी आदि)
इसलिए समय पर पहचान और सही इलाज बहुत जरूरी है।
निष्कर्ष
बच्चों में टॉन्सिल की सूजन एक आम लेकिन ध्यान देने योग्य समस्या है। मौसम में बदलाव, गंदगी या संक्रमण इसके सामान्य कारण हैं। हल्के लक्षणों में घरेलू उपाय और आराम काफी होता है, लेकिन अगर समस्या बढ़े तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिए। समय पर इलाज कर के बच्चे को तकलीफ से बचाया जा सकता है और उसका स्वास्थ्य लंबे समय तक अच्छा बना रह सकता है।
