हमारी जिंदगी में तनाव एक आम बात हो गई है। जब हम तनाव में होते हैं, तो हमारे शरीर में एक खास हार्मोन बनता है जिसे Cortisol (कॉर्टिसोल) कहा जाता है। यह हार्मोन शरीर को खतरे से निपटने में मदद करता है, लेकिन जब यह जरूरत से ज्यादा बनता है, तो शरीर को नुकसान भी पहुंचा सकता है।
इस लेख में हम आसान भाषा में जानेंगे कि कॉर्टिसोल क्या होता है, यह कब बनता है, कैसे इसे कंट्रोल करें और ज्यादा समय तक इसका स्तर बढ़ा रहे तो क्या नुकसान हो सकते हैं।
Cortisol (कॉर्टिसोल) क्या है?
कॉर्टिसोल एक प्रकार का हार्मोन है जो शरीर की एड्रिनल ग्रंथियों (Adrenal glands) से बनता है। यह हार्मोन हमारे शरीर को तनाव के समय “फाइट या फ्लाइट” (लड़ो या भागो) की स्थिति में मदद करता है।
जब हम किसी खतरे, परेशानी या चिंता में होते हैं, तब कॉर्टिसोल तेजी से बनता है और शरीर को सतर्क करता है। यह ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर और दिल की धड़कन को बढ़ाता है ताकि हम तुरंत एक्शन ले सकें।
Cortisol कब बनता है?
कॉर्टिसोल हार्मोन आमतौर पर दिनभर शरीर में कम मात्रा में बनता रहता है, लेकिन कुछ स्थितियों में इसका स्तर अचानक बढ़ जाता है:
1.जब आप मानसिक तनाव में हों – जैसे पढ़ाई का दबाव, नौकरी की चिंता, पारिवारिक झगड़े।
2.जब आप डर या घबराहट में हों – जैसे कोई दुर्घटना, परीक्षा, या बड़ा फैसला।
3.नींद पूरी न हो पाने पर – नींद की कमी से शरीर में तनाव बढ़ता है।
4.शारीरिक चोट या बीमारी में – जब शरीर बीमार हो या चोट लगे, तो भी यह हार्मोन बढ़ता है।
5.ज्यादा कैफीन या जंक फूड खाने से – कुछ खानपान की चीजें भी तनाव बढ़ाकर कॉर्टिसोल का स्तर बढ़ा सकती हैं।
कॉर्टिसोल को कंट्रोल कैसे करें?
अगर कॉर्टिसोल लंबे समय तक ज्यादा बना रहे, तो यह शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है। इसलिए इसे नियंत्रित करना जरूरी है। नीचे कुछ आसान उपाय दिए गए हैं:
1. अच्छी नींद लें
रोज़ 7 से 8 घंटे की नींद लेने से शरीर शांत रहता है और हार्मोन संतुलन में रहते हैं।
2. योग और ध्यान करें
ध्यान (मेडिटेशन), प्राणायाम और योग कॉर्टिसोल के स्तर को कम करने में बहुत असरदार हैं।
3. संतुलित आहार लें
फल, हरी सब्जियाँ, साबुत अनाज और प्रोटीन युक्त भोजन लें। मीठा, जंक फूड और ज्यादा कैफीन से बचें।
4. शारीरिक व्यायाम करें
रोज़ थोड़ी देर टहलना, दौड़ना या कोई हल्की-फुल्की कसरत कॉर्टिसोल को संतुलित करती है।
5. खुद को समय दें
रोज़ थोड़ा समय खुद के लिए निकालें। किताब पढ़ें, संगीत सुनें, या कुछ ऐसा करें जिससे मन खुश हो।
6. सोच को सकारात्मक बनाएं
नकारात्मक सोच और बेवजह की चिंता से कॉर्टिसोल बढ़ता है। हर हाल में सोचें कि “सब ठीक होगा।”
अगर Cortisol ज्यादा समय तक बना रहे तो क्या होता है?
अगर शरीर में कॉर्टिसोल का स्तर लगातार ऊँचा बना रहे, तो इसके कई लंबे समय के दुष्परिणाम हो सकते हैं:
1. कमज़ोर इम्यून सिस्टम
शरीर की रोगों से लड़ने की ताकत घट जाती है।
2. वजन बढ़ना (खासकर पेट के पास)
कॉर्टिसोल भूख बढ़ाता है और पेट की चर्बी को जमा करता है।
3. नींद की समस्या
ज्यादा कॉर्टिसोल से नींद नहीं आती या बार-बार नींद टूटती है।
4. ब्लड प्रेशर और डायबिटीज का खतरा
कॉर्टिसोल शुगर और ब्लड प्रेशर को बढ़ाता है।
5. याददाश्त कमजोर होना
दिमाग पर बुरा असर पड़ता है जिससे चीजें याद रखने में परेशानी होती है।
6. मूड स्विंग और डिप्रेशन
बार-बार मूड बदलना, चिड़चिड़ापन और डिप्रेशन भी हो सकता है।
निष्कर्ष
कॉर्टिसोल हमारे शरीर का ज़रूरी हार्मोन है जो हमें तनाव की स्थिति में काम करने में मदद करता है। लेकिन अगर यह लंबे समय तक ज्यादा बना रहे, तो हमारे शरीर और मन दोनों को नुकसान पहुँचा सकता है।
इसलिए हमें अपनी दिनचर्या को ऐसा बनाना चाहिए जिससे हम तनाव से दूर रहें और कॉर्टिसोल को प्राकृतिक तरीके से कंट्रोल कर सकें – जैसे कि अच्छी नींद, ध्यान, हेल्दी डाइट और पॉजिटिव सोच।
खुश रहें, शांत रहें – तभी स्वस्थ रहें। 😊