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आजकल लोग किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए सबसे पहले इंटरनेट या घरेलू उपायों का सहारा लेते हैं। यह एक हद तक सही है, लेकिन जब बात शरीर में गांठ (Lump in Body) की आती है, तो घरेलू उपचार से समय गंवाना खतरनाक साबित हो सकता है। हर गांठ सामान्य नहीं होती, और कई बार यह किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकती है, जैसे कि कैंसर, सिस्ट या ट्यूमर।

गांठ क्या होती है?

गांठ शरीर के किसी भी हिस्से में त्वचा के नीचे महसूस होने वाला ठोस उभार होता है। यह छोटे से लेकर बड़े आकार तक हो सकती है और इसके लक्षणों में दर्द, सूजन, लालिमा या गर्माहट शामिल हो सकती है। कई बार यह लाइलाज भी हो सकती है, अगर समय पर जांच और इलाज न हो।

घरेलू उपचार क्यों नहीं?

लोग हल्दी, सरसों का तेल, गर्म पानी से सिंकाई, या आयुर्वेदिक लेप जैसे उपाय करते हैं, सोचते हैं कि गांठ खुद ही ठीक हो जाएगी। लेकिन यह धारणा खतरनाक हो सकती है। कुछ गांठें जैसे कि लिपोमा (चर्बी की गांठ) तो हानिरहित होती हैं, लेकिन कुछ गांठें कैंसर या संक्रमण से संबंधित हो सकती हैं।

घरेलू उपाय से समय गंवाने के खतरे:

  1. बीमारी के बढ़ने का जोखिम: अगर गांठ कैंसरजन्य है और आप समय पर इलाज नहीं लेते हैं, तो बीमारी शरीर में फैल सकती है।
  2. गलत निदान: बिना मेडिकल जांच के सही कारण जानना संभव नहीं है।
  3. दर्द और असहजता: समय के साथ गांठ बड़ी और दर्दनाक हो सकती है।
  4. आपातकालीन स्थिति: कुछ गांठें फट सकती हैं या मवाद से भर सकती हैं, जिससे संक्रमण हो सकता है।

कब डॉक्टर से संपर्क करें?

  • गांठ अचानक बढ़ रही हो
  • उसमें दर्द, लालिमा या गर्माहट हो
  • गांठ सख्त हो और हिलती न हो
  • गांठ के साथ बुखार या थकान महसूस हो
  • गांठ कई हफ्तों से ठीक न हो रही हो

जरूरी जांचें:

डॉक्टर शारीरिक जांच के साथ-साथ अल्ट्रासाउंड, FNAC, MRI, या बायोप्सी जैसी जांचें कर सकते हैं ताकि गांठ की प्रकृति का सही पता चल सके। ये जांच यह तय करती हैं कि गांठ सामान्य है या कुछ गंभीर।

सही समय पर इलाज से बचाव संभव

अगर गांठ की पहचान शुरुआती अवस्था में हो जाए तो उसका इलाज जल्दी और आसानी से किया जा सकता है। कई बार सिर्फ दवाइयों से भी इलाज संभव होता है, लेकिन देर होने पर सर्जरी या कीमोथैरेपी जैसे जटिल इलाज की जरूरत पड़ सकती है।

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