आज के डिजिटल युग में लैपटॉप हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुका है। ऑफिस के काम से लेकर ऑनलाइन क्लासेस और मनोरंजन तक, हम दिनभर लैपटॉप के सामने रहते हैं। कई लोग इसे अपनी गोद (lap) में रखकर ही लंबे समय तक काम करते हैं — खासकर बेड या सोफे पर। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि लैपटॉप को गोद में रखकर इस्तेमाल करना आपकी प्रजनन क्षमता (fertility) पर असर डाल सकता है? खासतौर पर पुरुषों में, इससे नपुंसकता (infertility/impotence) जैसी समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है।
आइए विस्तार से समझते हैं कि वैज्ञानिक शोध क्या कहते हैं, इसके पीछे कारण क्या हैं और कैसे इस समस्या से बचा जा सकता है।
गोद में लैपटॉप रखने से कैसे होता है नुकसान?
लैपटॉप लंबे समय तक इस्तेमाल करने पर गर्मी (heat) पैदा करता है, और जब इसे सीधे गोद में रखा जाता है, तो यह गर्मी जनन अंगों (reproductive organs) तक पहुंच जाती है। पुरुषों में, शुक्राणु (sperm) निर्माण अंडकोष (testicles) में होता है, जो शरीर के तापमान से कुछ डिग्री कम तापमान पर बेहतर ढंग से कार्य करते हैं। लेकिन लैपटॉप की गर्मी इस प्राकृतिक तापमान को बढ़ा सकती है, जिससे शुक्राणु की गुणवत्ता और संख्या दोनों पर बुरा असर पड़ सकता है।
शोध क्या कहते हैं?
1. Fertility and Sterility Journal (2005)
एक अध्ययन में पाया गया कि जब पुरुषों ने लैपटॉप को गोद में रखकर इस्तेमाल किया, तो उनके अंडकोष के तापमान में 2.5 डिग्री सेल्सियस तक वृद्धि देखी गई। यह तापमान वृद्धि कुछ ही मिनटों में हुई और यह स्थिति यदि रोज़ होती है, तो यह शुक्राणु उत्पादन को प्रभावित कर सकती है।
2. State University of New York (SUNY)
शोधकर्ताओं ने बताया कि लैपटॉप को गोद में रखने से स्क्रोटल तापमान बढ़ता है और यदि यह लगातार होता रहे, तो यह प्रजनन प्रणाली को नुकसान पहुंचा सकता है।
3. Wi-Fi रेडिएशन का असर
कुछ शोधों में यह भी पाया गया है कि लैपटॉप में मौजूद वाई-फाई रेडिएशन शुक्राणु DNA को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे स्पर्म की गतिशीलता (motility) और गुणवत्ता पर असर पड़ता है।
महिलाओं पर असर
हालांकि इस मुद्दे पर पुरुषों की तुलना में कम शोध हुए हैं, लेकिन यह माना जाता है कि लैपटॉप की गर्मी और इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन महिलाओं की अंडाशय (ovaries) पर भी प्रभाव डाल सकती है। इससे हार्मोनल असंतुलन और महिलाओं की फर्टिलिटी पर असर पड़ सकता है।
इसके अन्य नुकसान
- त्वचा पर “टोस्टेड स्किन सिंड्रोम” नामक स्थिति विकसित हो सकती है, जिसमें त्वचा पर स्थायी लाल-भूरे रंग के निशान पड़ जाते हैं।
- अधिक गर्मी से टेस्टिकल्स में डैमेज टिशू विकसित हो सकते हैं।
- गलत मुद्रा से कमर और रीढ़ की हड्डी में दर्द हो सकता है।
समाधान क्या है?
1. लैपटॉप कूलिंग पैड का उपयोग करें
गोद में लैपटॉप रखने की जगह टेबल या कूलिंग पैड का इस्तेमाल करें जो गर्मी को फैलने से रोकता है।
2. लैपटॉप डेस्क या ट्रे का प्रयोग करें
बेहतर है कि हमेशा लैपटॉप को किसी फ्लैट, ठंडी और स्थिर सतह पर रखें — जैसे टेबल या लैपटॉप ट्रे।
3. Wi-Fi डिवाइस से दूरी बनाए रखें
जब भी संभव हो, वाई-फाई के स्थान पर ईथरनेट केबल का उपयोग करें या लैपटॉप को शरीर से थोड़ी दूरी पर रखें।
4. लैपटॉप का समय सीमित करें
लंबे समय तक लगातार गोद में रखकर काम न करें। हर 30 मिनट में ब्रेक लें और पोजिशन बदलें।
5. शरीर की जांच कराएं
यदि संतान संबंधी समस्याएं आ रही हों तो किसी अच्छे एंड्रोलॉजिस्ट या यूरीनोलॉजिस्ट से संपर्क करें। समय रहते जांच और इलाज संभव है।