बरसात का मौसम अपने साथ ठंडी फुहारें, हरियाली और सुहावना माहौल तो लाता है, लेकिन साथ ही यह कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याएं भी जन्म देता है। खासतौर पर बच्चों और बुज़ुर्गों के लिए यह मौसम चुनौतीपूर्ण हो सकता है क्योंकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्युनिटी) कमजोर होती है। इस मौसम में वायरल संक्रमण, सर्दी-जुकाम, फंगल इंफेक्शन, पाचन संबंधी समस्याएं और मच्छरों से फैलने वाली बीमारियां जैसे डेंगू-मलेरिया अधिक देखने को मिलती हैं।
ऐसे में यह बेहद जरूरी हो जाता है कि हम इस मौसम में अपने परिवार के सबसे कमजोर सदस्यों – बच्चों और बुज़ुर्गों – की सेहत का विशेष ध्यान रखें। इस लेख में हम कुछ आसान और उपयोगी उपाय साझा कर रहे हैं, जिनसे आप अपनों को इस मौसम में स्वस्थ रख सकते हैं।
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खानपान पर दें विशेष ध्यान
बरसात के मौसम में नमी और संक्रमण फैलाने वाले कीटाणुओं के कारण भोजन जल्दी खराब हो जाता है। इसलिए बच्चों और बुज़ुर्गों के भोजन में विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।
बचाव के उपाय:
- हमेशा ताजा और गर्म भोजन दें।
- उबला या फिल्टर्ड पानी पिलाएं।
- फलों को अच्छी तरह धोकर ही दें, खासकर कटे हुए फल ना रखें।
- दही, छाछ, हल्दी वाला दूध और तुलसी-अदरक की चाय बुज़ुर्गों के लिए लाभदायक होती है।
- बच्चों को बाजार का जंक फूड और ठंडा पेय न दें।
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भीगने और गीले कपड़ों से बचाव जरूरी
बच्चे अक्सर बारिश में खेलने के लिए उत्सुक रहते हैं और बुज़ुर्गों को भीगने से सर्दी-जुकाम हो सकता है। गीले कपड़ों से फंगल संक्रमण और त्वचा की समस्याएं भी हो सकती हैं।
सुझाव:
- बारिश में भीगने के तुरंत बाद कपड़े बदलवाएं और शरीर को अच्छी तरह सुखाएं।
- कॉटन या सूती कपड़े पहनने को दें जिससे त्वचा को हवा मिले।
- घर लौटने पर पैरों और हाथों को धोना न भूलें।
- मोजे और जूते गीले होने पर उन्हें बदल दें, फंगल इन्फेक्शन से बचाव होता है।
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मच्छरों से सुरक्षा सबसे जरूरी
बरसात में जलजमाव के कारण मच्छरों की संख्या बढ़ जाती है, जिससे डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया जैसी बीमारियां तेजी से फैलती हैं। बच्चों और बुज़ुर्गों में ये बीमारियां गंभीर रूप ले सकती हैं।
बचने के उपाय:
- सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें।
- घर में मच्छर भगाने वाले लिक्विड या नेचुरल उपाय (जैसे नीम का धुआँ) अपनाएं।
- शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनाएं।
- घर के आसपास पानी जमा न होने दें और फूल-पौधों के गमलों का पानी रोज़ बदलें।
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रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना न भूलें
इम्युनिटी जितनी मजबूत होगी, शरीर उतना ही बीमारियों से लड़ने में सक्षम होगा। बरसात में वायरस और बैक्टीरिया सक्रिय होते हैं, इसलिए शरीर का बचाव तंत्र मजबूत होना बेहद जरूरी है।
इसके लिए अपनाएं ये आदतें:
- बच्चों को ताजे फल-सब्जियां, आंवला, शहद, और ड्राई फ्रूट्स दें।
- बुज़ुर्गों को तुलसी-अदरक-हल्दी युक्त गर्म पेय दें।
- हल्का योग और प्राणायाम बुज़ुर्गों के लिए फायदेमंद है।
- बच्चों को पर्याप्त नींद और व्यायाम के लिए प्रेरित करें।
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साफ-सफाई और हाइजीन का रखें ध्यान
नमी और गंदगी के कारण बरसात में संक्रमण फैलने की आशंका सबसे ज्यादा होती है। इसलिए व्यक्तिगत स्वच्छता और घर की सफाई बहुत जरूरी हो जाती है।
स्वस्थ रहने के लिए करें ये काम:
- बच्चों को दिन में कई बार हाथ धोने की आदत डालें।
- बुज़ुर्गों के टॉयलेट और नहाने की जगह साफ और सूखी रखें।
- कपड़े धोने और सुखाने में देरी न करें – नमी से बैक्टीरिया पनपते हैं।
- घर में कीटनाशकों का प्रयोग करें ताकि कीड़े-मकोड़े न आएं।
निष्कर्ष:
बरसात का मौसम जितना खुशनुमा होता है, उतनी ही सतर्कता की भी मांग करता है। बच्चों और बुज़ुर्गों की सेहत इस मौसम में खास देखभाल की जरूरत होती है, क्योंकि उनकी इम्युनिटी कमजोर होती है और वे आसानी से बीमार पड़ सकते हैं। ऊपर बताए गए उपायों को अपनाकर आप अपने परिवार के इन सदस्यों को सुरक्षित, स्वस्थ और खुश रख सकते हैं। याद रखें – थोड़ी सी सावधानी से आप पूरे मौसम को आनंददायक और रोगमुक्त बना सकते हैं।