आज के समय में सेहत को लेकर लोग पहले से ज्यादा जागरूक हो गए हैं। फिट रहने के लिए नियमित व्यायाम और सही खानपान की अहमियत को सभी समझने लगे हैं। इसी के साथ एक नया ट्रेंड भी बढ़ता जा रहा है — डाइटरी सप्लीमेंट (Dietary Supplement) का। चाहे मसल्स बनाना हो, वजन कम करना हो, या फिर इम्युनिटी बढ़ानी हो, लोग तेजी से सप्लीमेंट्स का सहारा लेने लगे हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बिना डॉक्टर की सलाह के डाइटरी सप्लीमेंट लेना आपके शरीर के लिए खतरनाक भी हो सकता है? आइए इस ब्लॉग में विस्तार से समझते हैं कि डाइटरी सप्लीमेंट क्या होते हैं, ये कैसे काम करते हैं, और इनके संभावित नुकसान क्या-क्या हो सकते हैं।
डाइटरी सप्लीमेंट क्या होते हैं?
डाइटरी सप्लीमेंट वे उत्पाद होते हैं जिन्हें विटामिन, मिनरल, प्रोटीन, अमीनो एसिड, फाइबर, हर्बल एक्सट्रैक्ट्स या अन्य पोषक तत्वों के रूप में शरीर में पोषण की पूर्ति के लिए उपयोग किया जाता है। ये टैबलेट, पाउडर, कैप्सूल या ड्रिंक्स के रूप में उपलब्ध होते हैं।
उदाहरण के तौर पर:
- प्रोटीन पाउडर: जिम जाने वाले युवाओं में सबसे लोकप्रिय
- विटामिन-D और B12 टैबलेट्स
- ओमेगा-3 कैप्सूल्स
- फैट बर्नर और एनर्जी बूस्टर सप्लीमेंट्स
इनका दावा होता है कि यह शरीर में ऊर्जा बढ़ाते हैं, मसल्स डेवलपमेंट करते हैं या रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार लाते हैं।
बिना सलाह के सेवन क्यों हो सकता है खतरनाक?
डाइटरी सप्लीमेंट्स को अक्सर लोग बिना डॉक्टर की सलाह के लेना शुरू कर देते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है।
- ओवरडोज़ का खतरा: शरीर को जितनी मात्रा में किसी विटामिन या मिनरल की आवश्यकता होती है, उससे अधिक लेने पर उसका दुष्प्रभाव हो सकता है।
- दवा के साथ प्रतिक्रिया: यदि आप किसी बीमारी के इलाज के लिए दवा ले रहे हैं, तो कुछ सप्लीमेंट्स उन दवाओं के प्रभाव को घटा या बढ़ा सकते हैं।
- लिवर और किडनी पर असर: लंबे समय तक भारी मात्रा में सप्लीमेंट लेने से लिवर और किडनी पर गंभीर असर पड़ सकता है।
फर्जी या घटिया गुणवत्ता वाले सप्लीमेंट्स का खतरा
मार्केट में कई ऐसे सप्लीमेंट्स उपलब्ध हैं जो बिना गुणवत्ता जांच के बेचे जाते हैं।
- कई सप्लीमेंट्स में स्टेरॉयड या हार्मोन मिलाए जाते हैं, जो शरीर में हार्मोनल असंतुलन पैदा कर सकते हैं।
- नकली या लोकल सप्लीमेंट्स में हैवी मेटल्स (जैसे लेड, आर्सेनिक) पाए जा सकते हैं जो कैंसर तक का कारण बन सकते हैं।
- फूड एंड ड्रग अथॉरिटी (FDA) द्वारा अप्रूव न होने वाले प्रोडक्ट्स अधिक जोखिम भरे होते हैं।
गलत समय और तरीके से सेवन से नुकसान
डाइटरी सप्लीमेंट्स लेने का सही समय, मात्रा और तरीका बहुत ज़रूरी होता है।
- खाली पेट कुछ सप्लीमेंट लेने से उल्टी, गैस या एसिडिटी हो सकती है।
- एक ही समय पर कई सप्लीमेंट लेने से पोषक तत्वों के अवशोषण में बाधा आती है।
- कुछ सप्लीमेंट्स को खाने के साथ लेना जरूरी होता है, अन्यथा उनका असर नहीं होता।
डाइट की जगह सप्लीमेंट नहीं
लोग अक्सर सोचते हैं कि सप्लीमेंट्स खाने से उनकी डाइट की कमी पूरी हो जाएगी, लेकिन यह सोच पूरी तरह गलत है।
- प्राकृतिक भोजन जैसे फल, सब्जियां, अनाज और दालों में पोषक तत्वों का संतुलन होता है जो सप्लीमेंट में नहीं होता।
- भोजन से मिलने वाले फाइबर और एंजाइम शरीर की पाचन क्रिया को बेहतर बनाते हैं, जबकि सप्लीमेंट्स में यह नहीं होता।
- लगातार सप्लीमेंट पर निर्भर रहने से शरीर की प्राकृतिक पोषक अवशोषण क्षमता भी कमजोर पड़ सकती है।
कब लें सप्लीमेंट और किन सावधानियों के साथ?
यदि डॉक्टर ने किसी खास पोषक तत्व की कमी की पुष्टि की हो (जैसे विटामिन D, आयरन या कैल्शियम), तभी सप्लीमेंट लेना चाहिए।
सावधानियाँ:
- हमेशा डॉक्टर या डायटिशियन की सलाह लें।
- सप्लीमेंट लेते समय पैक पर लिखी गई जानकारी ध्यान से पढ़ें।
- एफएसएसएआई (FSSAI) या अन्य प्रामाणिक संस्था से प्रमाणित प्रोडक्ट ही लें।
- सप्लीमेंट को भोजन का विकल्प न बनाएं, सिर्फ एक पूरक के रूप में ही लें।
निष्कर्ष
डाइटरी सप्लीमेंट्स कभी-कभी पोषण की कमी को पूरा करने में मददगार हो सकते हैं, लेकिन इनका गलत या अत्यधिक उपयोग शरीर को गंभीर नुकसान पहुँचा सकता है। इसलिए किसी भी सप्लीमेंट को लेना एक समझदारी भरा और चिकित्सकीय सलाह पर आधारित निर्णय होना चाहिए। बेहतर है कि हम संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और स्वस्थ जीवनशैली को अपनाकर अपने शरीर को प्राकृतिक रूप से फिट और ऊर्जा से भरपूर रखें।