आज की तेज़ रफ्तार ज़िंदगी और बढ़ते तनाव के बीच दिल की बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। इनमें सबसे डरावनी स्थिति तब आती है जब कोई व्यक्ति सोते हुए हार्ट अटैक का शिकार हो जाता है। नींद के दौरान आया हार्ट अटैक अचानक और जानलेवा हो सकता है क्योंकि उस समय व्यक्ति और उसके परिजन अक्सर अनजान होते हैं। लेकिन कुछ सावधानियों और जीवनशैली में बदलाव के ज़रिए इस खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
इस लेख में हम जानेंगे कि नींद में हार्ट अटैक का खतरा क्यों होता है, इसके संकेत क्या होते हैं और इससे बचाव कैसे किया जा सकता है।
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नींद में हार्ट अटैक के कारण
हार्ट अटैक तब होता है जब हृदय की मांसपेशियों तक खून पहुंचाने वाली धमनियों में रुकावट आ जाती है। लेकिन नींद में हार्ट अटैक के मामलों के पीछे कुछ विशेष कारण होते हैं:
- स्लीप एपनिया (Sleep Apnea): यह एक नींद संबंधी विकार है जिसमें व्यक्ति की सांस बार-बार रुकती है। इससे ऑक्सीजन की कमी हो जाती है और दिल पर दबाव बढ़ता है।
- रात में बढ़ा हुआ ब्लड प्रेशर: कुछ लोगों में रात को रक्तचाप अचानक बढ़ जाता है जो दिल की धमनियों पर असर डालता है।
- तनाव और चिंता: दिनभर की मानसिक थकान और अनजाने में जमा हुआ तनाव नींद में भी शरीर को प्रभावित करता है।
- धूम्रपान, शराब और अस्वस्थ भोजन: यह सभी आदतें धमनियों को सख्त बना देती हैं, जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता है।
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नींद में हार्ट अटैक के संकेत
हालांकि नींद में हुए हार्ट अटैक की पहचान तुरंत करना मुश्किल होता है, लेकिन कुछ संकेत ऐसे हैं जिन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए:
- सोते समय छाती में दबाव या जलन महसूस होना
- रात को बार-बार सांस फूलना या घुटन महसूस होना
- नींद के दौरान अचानक पसीना आना या बेचैनी
- लगातार खर्राटे आना, विशेषकर सांस रुकने के साथ
- नींद के दौरान हाथ-पैर सुन्न हो जाना या दर्द महसूस होना
यदि इन लक्षणों में से कोई एक या अधिक बार-बार अनुभव हो, तो यह दिल से जुड़ी किसी गंभीर समस्या की ओर इशारा हो सकता है।
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नींद में हार्ट अटैक से बचाव के उपाय
(क) नियमित स्वास्थ्य जांच:
हर 6 महीने में हार्ट, ब्लड प्रेशर, शुगर और कोलेस्ट्रॉल की जांच कराएं। इससे पहले से चल रही समस्याओं का समय रहते इलाज संभव होता है।
(ख) स्लीप एपनिया का इलाज:
अगर आप जोर से खर्राटे लेते हैं या सांस रुकने की समस्या है तो डॉक्टर से परामर्श लें। इसका इलाज CPAP मशीन जैसे उपायों से संभव है।
(ग) वजन नियंत्रित रखें:
मोटापा दिल पर अतिरिक्त दबाव डालता है और नींद के दौरान ऑक्सीजन के प्रवाह को बाधित करता है। संतुलित आहार और नियमित व्यायाम से वजन नियंत्रित रखें।
(घ) तनाव को कम करें:
ध्यान (Meditation), योग, गहरी सांस लेने की तकनीकें (Breathing Exercises) और पर्याप्त नींद से मानसिक शांति बनाए रखें।
(ङ) नींद का समय और गुणवत्ता सुधारें:
रोजाना एक निश्चित समय पर सोना और 7–8 घंटे की गहरी नींद लेना जरूरी है। सोने से पहले मोबाइल या टीवी से दूरी बनाएं और कमरे में शांत वातावरण रखें।
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दिल के लिए फायदेमंद जीवनशैली अपनाएं
- स्वस्थ आहार लें: फाइबर युक्त, कम वसा वाला और कम नमक वाला आहार लें। फल, हरी सब्जियां, ओट्स, नट्स और मछली को डाइट में शामिल करें।
- नियमित व्यायाम करें: हल्का कार्डियो, तेज़ चलना, साइक्लिंग या योग प्रतिदिन करें।
- धूम्रपान और शराब से दूरी बनाएं: ये दोनों ही दिल की सेहत को गंभीर रूप से प्रभावित करते हैं।
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मेडिकल इमरजेंसी से निपटने की तैयारी
यदि किसी परिवार सदस्य को दिल की बीमारी है तो घर में प्राथमिक चिकित्सा किट, ECG मशीन (यदि संभव हो), और आपातकालीन नंबर हमेशा तैयार रखें। CPR की बेसिक जानकारी घर के हर सदस्य को होनी चाहिए।
निष्कर्ष:
नींद में हार्ट अटैक एक गंभीर लेकिन बचाव योग्य स्थिति है। यह आवश्यक है कि हम समय रहते हृदय की सेहत पर ध्यान दें और जीवनशैली को सही दिशा में मोड़ें। स्वस्थ नींद, संतुलित आहार, तनाव रहित जीवन और नियमित जांच से हम इस खतरे को काफी हद तक टाल सकते हैं। याद रखें, आपकी सजगता और सतर्कता ही आपकी और आपके अपनों की सुरक्षा की सबसे मजबूत ढाल है।
“स्वस्थ हृदय, सुखद नींद – अपनाएं आज से ही सही जीवनशैली”