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महिलाओं के मासिक धर्म (Periods) से जुड़ी कई भ्रांतियां समाज में प्रचलित हैं। इन्हीं में से एक आम धारणा यह भी है कि अगर “पीरियड्स का गंदा खून” शरीर से बाहर न निकल पाए, तो वह अंदर रुक जाता है और गंभीर बीमारियों का कारण बनता है। यह विषय न सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य से जुड़ा है, बल्कि मानसिक और सामाजिक स्वास्थ्य पर भी असर डालता है। ऐसे में यह ज़रूरी हो जाता है कि इस विषय को सही वैज्ञानिक दृष्टिकोण से समझा जाए।

इस लेख में हम समझेंगे कि पीरियड्स का खून क्या वास्तव में “गंदा” होता है, यह शरीर में क्यों और कैसे निकलता है, और क्या यह शरीर में रुक सकता है। साथ ही जानेंगे कि किन कारणों से मासिक धर्म बाधित हो सकता है और इसके क्या परिणाम हो सकते हैं।

  1. मासिक धर्म का खून: क्या यह सच में “गंदा” होता है?

सबसे पहले यह समझना ज़रूरी है कि मासिक धर्म का खून कोई “गंदा” खून नहीं होता। यह गर्भाशय (Uterus) की परत (Endometrium) का हिस्सा होता है, जो हर महीने बनती है ताकि अगर गर्भ ठहरे तो भ्रूण को पोषण मिल सके।

  • जब गर्भधारण नहीं होता, तो यह परत टूटकर रक्त के रूप में योनि से बाहर निकल जाती है।
  • इस रक्त में रक्त कोशिकाएं, श्लेष्मा, एंडोमेट्रियल ऊतक और अन्य तरल पदार्थ होते हैं।
  • यह शरीर की एक प्राकृतिक प्रक्रिया है और इसे गंदा या अशुद्ध मानना पूरी तरह से गलत और भ्रामक है।
  1. क्या पीरियड्स का खून शरीर में रुक सकता है?

सामान्य तौर पर पीरियड्स का खून शरीर में “रुकता” नहीं है। यह शरीर द्वारा नियंत्रित एक हार्मोनल प्रक्रिया है जिसमें शरीर खुद गर्भाशय की परत को बाहर निकाल देता है। हालांकि, कुछ स्थितियों में मासिक धर्म बाधित हो सकता है:

  • एमेनोरिया (Amenorrhea): जब किसी महिला को कई महीनों तक पीरियड्स नहीं आते।
  • एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis): इसमें गर्भाशय की परत शरीर के दूसरे हिस्सों में विकसित होने लगती है और खून वहीं इकट्ठा हो सकता है।
  • सर्वाइकल स्टेनोसिस (Cervical Stenosis): कभी-कभी गर्भाशय ग्रीवा (cervix) बहुत संकरी हो जाती है, जिससे रक्त बाहर नहीं निकल पाता।

इनमें से कुछ स्थितियों में ऐसा लगता है कि रक्त शरीर में “रुक” गया है, लेकिन वास्तव में यह एक चिकित्सकीय स्थिति होती है जिसे तुरंत डॉक्टर की सलाह की आवश्यकता होती है।

  1. पीरियड्स न आना या रुक जाना क्यों हो सकता है खतरनाक?

अगर किसी महिला को लंबे समय तक पीरियड्स नहीं आते या अचानक रुक जाते हैं, तो यह एक चेतावनी संकेत हो सकता है:

  • हार्मोनल असंतुलन: थायरॉइड, पीसीओएस (PCOS), या अन्य हार्मोनल समस्याएं।
  • तनाव और जीवनशैली: अत्यधिक मानसिक तनाव, अचानक वजन घटना या बढ़ना, अधिक व्यायाम करना आदि कारण बन सकते हैं।
  • प्रजनन स्वास्थ्य पर असर: लंबे समय तक पीरियड्स रुकने से महिलाओं की प्रजनन क्षमता पर असर पड़ सकता है।

इसलिए अगर मासिक धर्म में अनियमितता हो तो इसे नजरअंदाज न करें और समय रहते महिला रोग विशेषज्ञ से सलाह लें।

  1. ध्यान देने योग्य लक्षण और कब डॉक्टर से संपर्क करें?

यदि किसी महिला को निम्न में से कोई लक्षण दिखाई दे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए:

  • लगातार तीन महीने या अधिक समय तक पीरियड्स न आना
  • मासिक धर्म के दौरान अत्यधिक दर्द या अत्यधिक रक्तस्राव
  • रक्त का रंग अत्यधिक काला या गाढ़ा होना
  • योनि से दुर्गंध आना या संक्रमण के लक्षण
  • अचानक पीरियड्स का बंद हो जाना बिना किसी स्पष्ट कारण के

ये लक्षण शरीर में किसी गंभीर समस्या की ओर संकेत कर सकते हैं।

  1. सही जानकारी और जागरूकता क्यों है जरूरी?

समाज में मासिक धर्म से जुड़ी गलत धारणाएं महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करती हैं। “गंदा खून” या “शुद्ध-अशुद्ध” जैसे विचार महिलाओं को शर्म और अपराधबोध से भर देते हैं, जबकि पीरियड्स एक पूरी तरह से प्राकृतिक और आवश्यक प्रक्रिया है।

  • सही जानकारी से महिलाएं अपने शरीर को बेहतर समझ सकती हैं।
  • पीरियड्स की नियमितता, रंग, मात्रा और लक्षणों को समझकर समय रहते स्वास्थ्य समस्याओं की पहचान की जा सकती है।
  • स्कूलों, घरों और समाज में इस विषय पर खुलकर बात करना बेहद जरूरी है।

निष्कर्ष:

पीरियड्स का खून शरीर में रुकने की धारणा पूरी तरह से वैज्ञानिक तथ्यों पर आधारित नहीं है। हां, कुछ चिकित्सकीय स्थितियों में ऐसा प्रतीत हो सकता है, लेकिन यह दुर्लभ और विशेष मामलों में होता है। हर महिला को चाहिए कि वह अपने मासिक धर्म चक्र पर ध्यान दे और किसी भी अनियमितता की स्थिति में डॉक्टर से सलाह ले। जागरूकता और सही जानकारी ही महिलाओं के संपूर्ण स्वास्थ्य का सबसे सशक्त हथियार है।

संदेश:
“पीरियड्स को शर्म नहीं, समझ की ज़रूरत है। इसे छुपाएं नहीं, अपनाएं — क्योंकि यह स्वास्थ्य और सशक्तिकरण की दिशा में पहला कदम है।”

 

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