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भारतीय रसोई और आयुर्वेद में फिटकरी (Alum) का विशेष स्थान है। यह सफेद या गुलाबी रंग की क्रिस्टल जैसी खनिज होती है, जो पानी में घुल जाती है और अनेक रोगों में औषधीय गुणों के लिए जानी जाती है। प्राचीन काल से ही फिटकरी का उपयोग घाव सुखाने, पानी शुद्ध करने, त्वचा रोगों, दांतों की समस्या और बालों के झड़ने जैसे कई समस्याओं के समाधान में किया जाता रहा है। यह सस्ती, आसानी से मिलने वाली और बेहद असरदार प्राकृतिक औषधि है।

इस लेख में हम फिटकरी के प्रमुख उपयोगों और स्वास्थ्य लाभों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

  1. त्वचा रोगों और घावों में उपयोगी

फिटकरी में एंटीसेप्टिक और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो घावों को जल्दी भरने में मदद करते हैं।

  • यदि चोट या कट लग जाए तो फिटकरी के पानी से धोने पर संक्रमण नहीं फैलता।
  • कील-मुंहासों और फोड़े-फुंसियों पर फिटकरी का पाउडर लगाने से सूजन और दर्द में राहत मिलती है।
  • शेविंग के बाद ब्लेड से कट लगने पर भी फिटकरी लगाने से खून रुकता है और घाव जल्दी भरता है।
  1. पानी शुद्ध करने में मददगार

फिटकरी जल शुद्धि के लिए प्राचीन काल से उपयोग में लाई जा रही है।

  • गंदे या मटमैले पानी में थोड़ा सा फिटकरी पाउडर डालकर उसे कुछ देर रखने से मिट्टी और गंदगी नीचे बैठ जाती है।
  • यह बैक्टीरिया और अन्य सूक्ष्म जीवों को नष्ट कर पानी को पीने योग्य बनाती है।
  • ग्रामीण इलाकों में आज भी फिटकरी का यह उपयोग बेहद आम है।
  1. दांतों और मसूड़ों के लिए फायदेमंद

फिटकरी मुंह के संक्रमणों को खत्म करने में बहुत उपयोगी होती है।

  • मसूड़ों से खून आना, दांतों में दर्द या झनझनाहट की समस्या में फिटकरी पाउडर और सेंधा नमक मिलाकर प्रयोग करना लाभकारी होता है।
  • इसे पानी में घोलकर कुल्ला करने से सांसों की दुर्गंध भी दूर होती है।
  • दांतों को मजबूत और कीटाणुरहित रखने में यह सहायक होती है।
  1. बाल झड़ने और डैंड्रफ में कारगर

फिटकरी बालों की समस्याओं में भी उपयोगी सिद्ध होती है।

  • फिटकरी को पानी में घोलकर सिर धोने से डैंड्रफ कम होता है और स्कैल्प की सफाई होती है।
  • बालों का झड़ना कम होता है और सिर में खुजली जैसी समस्याएं दूर होती हैं।
  • इसके नियमित प्रयोग से बाल मजबूत और चमकदार बन सकते हैं।
  1. पसीने और बदबू से राहत

फिटकरी प्राकृतिक डिओडरेंट की तरह काम करती है।

  • इसे गीला कर के बगल, गर्दन या पैरों पर लगाने से पसीने की दुर्गंध दूर होती है।
  • यह शरीर की गंध पैदा करने वाले बैक्टीरिया को खत्म करता है।
  • यह रसायनमुक्त विकल्प है, इसलिए संवेदनशील त्वचा वालों के लिए भी सुरक्षित है।
  1. गले की खराश और सर्दी-जुकाम में लाभकारी

फिटकरी में सूजन कम करने वाले गुण होते हैं जो गले की खराश और संक्रमण को ठीक करते हैं।

  • एक गिलास गुनगुने पानी में थोड़ा फिटकरी पाउडर मिलाकर गरारे करने से गले की खराश और टॉन्सिल्स में आराम मिलता है।
  • यह उपाय सर्दी-जुकाम में भी काफी उपयोगी है।
  1. अन्य घरेलू उपयोग

  • फिटकरी का इस्तेमाल दीवारों में सीलन रोकने और कीड़े-मकोड़ों से बचाव के लिए किया जाता है।
  • इसे कपड़े की अलमारी में रखने से फफूंदी नहीं लगती।
  • आयुर्वेद में इसे दस्त, पाइल्स और खुजली जैसी समस्याओं के घरेलू इलाज में भी शामिल किया गया है।

सावधानियाँ

  • फिटकरी का सेवन कभी भी बिना डॉक्टर की सलाह के न करें।
  • त्वचा पर प्रयोग से पहले पैच टेस्ट करें, क्योंकि कुछ लोगों को एलर्जी हो सकती है।
  • अधिक मात्रा में प्रयोग से त्वचा पर रूखापन या जलन हो सकती है।

निष्कर्ष

फिटकरी एक बहुउपयोगी घरेलू औषधि है, जो सौंदर्य से लेकर स्वास्थ्य तक अनेक समस्याओं का प्राकृतिक समाधान है। इसका उचित और सावधानीपूर्वक उपयोग आपके दैनिक जीवन को आसान बना सकता है। चाहे पानी शुद्ध करना हो, घाव भरना हो या पसीने की बदबू से राहत चाहिए – फिटकरी हमेशा काम आती है। इसे अपने घर के घरेलू उपचारों की सूची में जरूर शामिल करें।

 

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