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आज की तेज़ रफ्तार जिंदगी में जीवनशैली से जुड़ी बीमारियाँ तेजी से बढ़ रही हैं। डायबिटीज़ (मधुमेह), थायरॉयड (अवधि दोष या अतिसक्रियता) और ब्लड प्रेशर (रक्तचाप) ऐसी ही तीन आम लेकिन गंभीर बीमारियाँ हैं जो न केवल अकेले में खतरनाक होती हैं, बल्कि एक-दूसरे से जुड़कर शरीर को और भी जटिल समस्याओं की ओर ले जा सकती हैं। यह जानना ज़रूरी है कि इनमें से कौन-सी बीमारी सबसे अधिक खतरनाक मानी जाती है और क्या इनके बीच कोई आपसी संबंध होता है। यह लेख इन्हीं प्रश्नों का उत्तर विस्तार से देता है।

डायबिटीज़: एक मूक हत्यारा

डायबिटीज़ एक ऐसी बीमारी है जिसमें शरीर का ब्लड शुगर स्तर सामान्य से अधिक हो जाता है। इसका मुख्य कारण इंसुलिन हार्मोन की कमी या उसकी कार्यप्रणाली में बाधा होता है। डायबिटीज़ को अक्सर “मूक हत्यारा” (Silent Killer) कहा जाता है क्योंकि यह धीरे-धीरे शरीर के कई अंगों जैसे किडनी, हृदय, आंखें और नसों को नुकसान पहुंचाती है। यदि इसका इलाज समय पर न किया जाए, तो यह हार्ट अटैक, स्ट्रोक, किडनी फेलियर और अंधापन तक का कारण बन सकती है।

थायरॉयड: हार्मोनल असंतुलन का प्रभाव

थायरॉयड एक ग्रंथि है जो गर्दन में स्थित होती है और शरीर के मेटाबॉलिज़्म को नियंत्रित करती है। जब यह ग्रंथि पर्याप्त मात्रा में थायरॉक्सिन हार्मोन नहीं बनाती (हाइपोथायरॉयडिज्म) या जरूरत से ज़्यादा बनाती है (हाइपरथायरॉयडिज्म), तो शरीर में कई समस्याएं उत्पन्न होती हैं। वजन बढ़ना या घटना, थकावट, बाल झड़ना, अवसाद, मासिक धर्म की अनियमितता जैसी परेशानियाँ थायरॉयड के कारण हो सकती हैं। हालांकि यह रोग पूरी तरह से नियंत्रित किया जा सकता है, लेकिन अनियंत्रित थायरॉयड लंबे समय में दिल की समस्याएं, बांझपन और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें पैदा कर सकता है।

ब्लड प्रेशर: उच्च या निम्न दोनों हैं खतरनाक

ब्लड प्रेशर वह दबाव है जो रक्त शरीर की धमनियों में बहते समय उत्पन्न करता है। जब यह दबाव सामान्य से अधिक हो (हाइपरटेंशन) या कम हो (हाइपोटेंशन), तो शरीर पर असर डालता है। उच्च रक्तचाप लंबे समय तक हृदय, मस्तिष्क और किडनी पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है। यह स्ट्रोक और हार्ट अटैक का प्रमुख कारण बन सकता है। दूसरी ओर, निम्न रक्तचाप के कारण चक्कर आना, बेहोशी और अंगों तक ऑक्सीजन न पहुंचने की समस्या हो सकती है।

कौन है सबसे खतरनाक?

तीनों बीमारियाँ अपनी-अपनी जगह पर खतरनाक हैं, लेकिन यदि खतरनाक असर की बात की जाए तो डायबिटीज़ को सबसे अधिक खतरनाक माना जाता है, क्योंकि यह शरीर के लगभग हर अंग को प्रभावित कर सकती है और अनेक अन्य बीमारियों का कारण बन सकती है। इसके बाद उच्च रक्तचाप आता है, जो हृदय और मस्तिष्क पर सीधा असर करता है। थायरॉयड आमतौर पर लंबे समय में असर दिखाता है और इसका इलाज संभव होता है, लेकिन अनियंत्रित अवस्था में यह भी बहुत हानिकारक हो सकता है।

क्या है इन बीमारियों का आपसी संबंध?

जी हाँ, डायबिटीज़, थायरॉयड और ब्लड प्रेशर के बीच गहरा संबंध हो सकता है और ये एक-दूसरे को बढ़ावा दे सकते हैं। उदाहरण के लिए:

  • डायबिटीज़ और हाई बीपी:

डायबिटीज़ से रक्त की धमनियों को नुकसान होता है, जिससे रक्तचाप बढ़ सकता है। उच्च बीपी डायबिटिक मरीजों में किडनी फेलियर और हृदय रोग का खतरा बढ़ा देता है।

  • डायबिटीज़ और थायरॉयड:

शोधों से पता चला है कि थायरॉयड रोग से पीड़ित लोगों में टाइप 1 या टाइप 2 डायबिटीज़ होने की संभावना अधिक होती है, खासकर अगर थायरॉयड ऑटोइम्यून कारणों से प्रभावित हो। थायरॉयड की गड़बड़ी इंसुलिन की कार्यप्रणाली पर असर डालती है।

  • थायरॉयड और ब्लड प्रेशर:

हाइपरथायरॉयडिज्म उच्च बीपी का कारण बन सकता है, जबकि हाइपोथायरॉयडिज्म निम्न बीपी को जन्म देता है। दोनों ही स्थितियाँ हृदय की कार्यप्रणाली को प्रभावित करती हैं।

इस तरह, अगर एक बीमारी हो जाए तो अन्य बीमारियाँ होने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। इसलिए इन बीमारियों की एक साथ जांच और प्रबंधन ज़रूरी होता है।

जीवनशैली में सुधार ही है उपाय

इन बीमारियों से बचने या नियंत्रित करने का सबसे प्रभावी तरीका है एक संतुलित और सक्रिय जीवनशैली अपनाना। नियमित व्यायाम, संतुलित आहार, समय पर दवा लेना, तनाव को नियंत्रित करना और समय-समय पर स्वास्थ्य जांच कराना आवश्यक है। डायबिटीज़, थायरॉयड और बीपी तीनों बीमारियाँ एक बार शुरू हो जाएं तो आमतौर पर जीवनभर चलती हैं, लेकिन इन्हें नियंत्रण में रखकर सामान्य जीवन जिया जा सकता है।

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